Bihar News: मां दुर्गा का अनोखा भक्त! 26 सालों से नवरात्र में 9 दिन अपने सीने पर रखते हैं कलश
Bihar News: बिहार सहित पूरे देश में शारदीय नवरात्र की धूम है. जगह-जगह मां दुर्गा के पंडाल बनाए जा रहे हैं. भक्त अपने-अपने तरीके से जगत जननी की आराधना कर रहे हैं. पटना में एक ऐसे भक्त हैं जो मां के सभी भक्तों से अलग अंदाज रखते हैं.
पटना:Bihar News: बिहार सहित पूरे देश में शारदीय नवरात्र की धूम है. जगह-जगह मां दुर्गा के पंडाल बनाए जा रहे हैं. भक्त अपने-अपने तरीके से जगत जननी की आराधना कर रहे हैं. पटना में एक ऐसे भक्त हैं जो मां के सभी भक्तों से अलग अंदाज रखते हैं. वो 26 सालों से हर नवरात्रि में अपने सीने पर पीतल के 21 कलश स्थापित कर मां शेरावाली की आराधना में लगे हुए हैं. उनका यह 27 वां साल है.
9 दिन बिना खाना-पीना रखते हैं निर्जला उपवास
पटना के सचिवालय स्थित नवलखा मंदिर के पुजारी बाबा नागेश्वर अपने सीने पर 21 कलश स्थापित किए हुए हैं. बाबा नागेश्वर 9 दिन बिना खाना-पानी निर्जला और बिना नित्यक्रिया किए उपवास रखते हैं. बाबा का यह सिलसिला 26 सालों से हर नवरात्रि पर लगातार जारी है और यह 27 वां साल है. बाबा नागेश्वर ने कहा की उनकी उम्र 64 साल है. यह उनका 27 वां साल सीने पर कलश स्थापित करते है.
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वह लगातार मां के चरणों में आराधना करते आ रहे हैं. खुशी उत्साह से साधना में लग गए हैं और लगातार 9 दिन नित्यक्रिया छोड़कर मां की आराधना करना है. उन्होंने कहा कि मानव समाज और धरती पर मौजूद हर प्राणियों के कल्याण के लिए लिए वह यह तपस्या करते हैं.
बाबा नागेश्वर के इस तप साधना से हर कोई हतप्रभ है. मंदिर के व्यवस्थापक विजय यादव बताते हैं कि नागेश्वर बाबा की आस्था है इसी आस्था से उन्हें शक्ति मिली है. इसी आस्था के कारण आज बिहार के कोने-कोने से श्रद्धालु इस मंदिर में मत्था टेकने आते हैं. बाबा नागेश्वर के इस तप साधना से हर कोई हतप्रभ है. सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु रोज नवलखा मंदिर पहुंच कर मां शेरावाली से आशीर्वाद ले रहे हैं.
बाबा शक्ति की पूजा करते हैं जब तक मां का आशीर्वाद नहीं होगा तब तक बाबा पूजा नहीं कर सकते हैं. हमलोग नवरात्र करते हैं थोड़ा कष्ट होता है लेकिन यह अन्न जल त्याग करने की क्रिया छोड़कर यह पूजा करते हैं और पूजा इनका सफल रहता है. मनोकामना मंदिर है जो कोई आता है उनकी मनोकामना पूरी होती है. बाबा दरभंगा के रहने वाले हैं और इन्होंने अपनी पूरी जिंदगी इसी मंदिर में बिता दी. डॉक्टरों ने 10 साल पहले कहा था कि उनकी किडनी खराब हो चुकी है नहीं बचेंगे लेकिन, मां के आशीर्वाद से आज भी स्वस्थ हैं.