Patna: ऑक्सीजन की कालाबाजारी से उत्पादक परेशान, कहा-एक सीमा तक हो सकता है उत्पादन
पटना में कुछ जगहों पर ऑक्सीजन की उत्पादन,आपूर्ति और रिफिलिंग हो रही है. लेकिन ऑक्सीजन की कालाबाजारी आम हो गई है, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहद कम हो गई है.
Patna: कोरोना (Corona) की दूसरी लहर की वजह से राज्य में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. बढ़ते हुए मामलों की वजह से राज्य में अब ऑक्सीजन की कमी काफी ज्यादा हो रही है. ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी को पूरा करने के लिए परिजन ज्यादा पैसे देकर इसे खरीद भी रहे हैं. हालांकि पटना में कुछ जगहों पर ऑक्सीजन की उत्पादन,आपूर्ति और रिफिलिंग हो रही है. लेकिन ऑक्सीजन की कालाबाजारी आम हो गई है, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहद कम हो गई है.
वहीं सरकार ने तय कर दिया है कि जिन प्लांटों में ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है, वहां से सरकारी और निजी अस्पतालों को कितना सिलेंडर रोजाना दिए जाएंगे. पटना के सिपारा स्थित ऊषा एयर प्रोडक्ट्स लिमिटेड में ऑक्सीजन की रिफिलिंग हो रही है. ऑक्सीजन उत्पादन और रिफिलिंग सेंटर के बाहर लोगों की भीड़ है, जो ऑक्सीजन लेने के लिए घंटों से इंतजार कर रही हैं. ऐसे में किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए जिला प्रशासन की तरफ से दो लोगों की तैनाती भी की गई है.
ऊषा एयर प्रोडक्ट्स लिमिटेड की क्षमता रोजाना 2 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर भरने की है. मैनेजर विनोद कुमार ने कहा कि ऑक्सीजन के लिए इतनी मारामारी कभी नहीं थी. वो भी एक सीमा तक ही ऑक्सीजन उत्पादन कर सकते है. हमारे यहां रोजाना 2 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर उत्पादन की क्षमता है, लेकिन मांग बहुत ज्यादा है. हमारे पास सरकारी और निजी अस्पतालों की सूची है, जिसके हिसाब से ही हमें ऑक्सीजन की आपूर्ति करनी पड़ रही है.
दूसरी ओर, ऑक्सीजन के छोटे और बड़े सिलिंडर को खरीदने के लिए लोग हजारों रुपये देने के लिए तैयार हैं. वैसे तो 30 से 35 लीटर वाले जंबो ऑक्सीजन सिलिंडर की कीमत 300 रूपए है जबकि बी टाइप यानि 7 लीटर वाले सिलेंडर की कीमत 100 रूपए है. लेकिन आज की तारीख में ये हजारों में बिक रहें हैं. दूसरी ओर पटना में जिन-जिन प्लांट में ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है, उन्हें सरकारी और निजी अस्पतालों को कितना सिलेंडर देने है, इसकी संख्या तय कर दी गई है.
ऊषा एयर प्रोडक्ट्स लिमिटेड की ही बात करें, तो यहां से एनएमसीएच को 1 हजार, आईजीआईएमएस को 300, आईजीआईसी को 40, रेलवे हॉस्पीटल करबिगहिया को 40, मिलिट्री अस्पताल को 30 जबकि एम्स को 15 सिलेंडर की आपूर्ति होनी है. इसी तरह निजी अस्पतालों में जगदीश अस्पताल को 40,जीवक को 40,क्यूरिस को 15,बुद्धा अस्पताल को 15, शिव शिशु को 15,सन, समय और तारा को 20-20 जबकि उमा अस्पताल को 25 सिलेंडर की आपूर्ति करनी है.