बिहार: बीजेपी ने नीतीश कुमार से पूछा, `जेडीयू ने जो किया वो क्या वह पुण्य था`
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का दोहरा चरित्र पता नहीं चलता है. वे बयान भी बदलते रहते हैं और पाला भी.
लखीसराय: मणिपुर के जदयू विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद जदयू और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मणिपुर में जदयू के विधायकों के भाजपा में शामिल कराए जाने के बाद भाजपा पर भड़के हैं तो भाजपा ने भी पलटवार करने में देर नहीं की.
बीजेपी का नीतीश पर हमला
बिहार में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) कहते हैं किसी पार्टी के जीतने वाले को अपनी तरफ लेना लोकतंत्र का हनन है, ऐसा कर वे खुद को और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को ही कटघरे में खड़ा कर रहे हैं.
नीतीश से बीजेपी के सवाल
सिन्हा ने कहा कि शनिवार को जब वे पत्रकारों से बात कर रहे थे, तो उनके बगल में खड़े मंत्री अशोक चौधरी भी बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष थे. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अभी हाल ही आपके सहयोगी तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने एआईएमआईएम (AIMIM) का विलय कराया तो क्या वह सही था ?
वह सब पुण्य का काम था?
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि पूर्व में जो आपने दर्जनों विधायकों को लोजपा, बसपा, कांग्रेस, राजद से तोड़ा तो क्या वह सब पुण्य का काम था? सिन्हा ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का दोहरा चरित्र पता नहीं चलता है. वे बयान भी बदलते रहते हैं और पाला भी.
सिन्हा ने कहा कि आज लगातार नीतीश कुमार का जनाधार घट रहा है. वर्ष 2010 में जदयू की 115 सीट थी, 2015 में 70 पर आए और 2020 में 43 पर आ गए. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि वर्ष 2025 में यह आंकड़ा इकाई में रह जायेगा.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पर अब न जनता को विश्वास रहा, न जन प्रतिनिधियों को, वे विश्वास हासिल करने के बजाय भाजपा को कोसने में लगे हैं, लेकिन इससे उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा.
इससे पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अगर सभी विपक्ष एकजुट हो जाते हैं, 2024 का परिणाम बहुत अच्छा होगा.
नीतीश कुमार पटना में पत्रकारों द्वारा मणिपुर में जदयू के विधायकों के भाजपा में शामिल होने के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि हमें यह सोचने की जरूरत है कि क्या हो रहा है. यह क्या कृत्य हो रहा है. यह पहली बार हो रहा है.
उन्होंने कहा कि जब वह एनडीए से अलग हुए, तो मणिपुर के सभी छह विधायक आए और उनसे मिले, उन्हें आश्वासन दिया कि वे जदयू के साथ हैं.
उन्होंने कहा कि विधायक पार्टियों से नाता क्यों तोड़ रहे हैं.
उन्होंने भड़कते हुए कहा, जरा सोचिए क्या हो रहा है. वे अन्य पार्टियों से जीतने वाले विधायकों को कैसे तोड़ रहे हैं? उन्होंने कहा कि जनता देख रही है कि भाजपा क्या कर रही है.
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(आईएएनएस)