पटना : Bihar BJP Politics: कहते हैं देश की राजनीति की धूरी बिहार और उत्तर प्रदेश हैं. यहां से चलकर सीधे देश की सत्ता का रास्ता निकलता है. याद होगा कि यूपी और बिहार में 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार और यूपी की अधिकतम सीटों पर जीत के बाद ही भाजपा की इतनी बड़ी जीत का रास्ता प्रशस्त हो पाया था. ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और अन्य विपक्षी दल कमर कस चुके हैं. 


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भाजपा की नजर बिहार की सभी लोकसभा सीटों पर है. आपको बता दें कि जदयू से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा को अब अकेले ही बिहार के सियासी सग्राम में खड़ा होना है और अपने को मजबूत बनाना है. हालांकि 2014 में भी भाजपा बिहार में अकेले चुनाव लड़ चुकी है लेकिन अब हालात थोड़े अलग हैं. अब जदयू की वजह से बिहार में एक बार फिर से राजद को मजबूती मिली है. ऐसे में भाजपा का पूरा का पूरा फोकस बिहार में जदयू को और कमजोर करने के साथ राजद के खिलाफ भी माहौल बनाने का है. क्योंकि भाजपा की जीत का रास्ता यहीं से होकर जाता है. 


इसका ताजा नमूना तब देखने को मिला जब बिहार में नई सरकार के गठन के बाद भाजपा के हंगामे की वजह से राजद के कोटे के मंत्री को नीतीश सरकार से बाहर होना पड़ा. वहीं बिहार में अमित शाह से लेकर जेपी नड्डा तक की यात्रा भी भाजपा को बिहार में मजबूत करने की कोशिश का ही हिस्सा है. बिहार की कुछ सीटों पर भाजपा की नजर टिकी हुई है. बिहार की कुछ सीटें तो ऐसी हैं जिसपर 1994 के बाद से भाजपा चुनाव नहीं लड़ी है. इसमें वैशाली, जहानाबाद, नालंदा, जमुई, काराकाट, मुंगेर और सीतामढ़ी लोकसभा सीटें शामिल हैं. 


इसलिए इसी को ध्यान में रखकर वैशाली संसदीय सीट से भाजपा ने चुनाव अभियान की शुरुआत की, इन सीटों पर भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्रियों को लगाया गया ताकि वह कार्यकर्ताओं और जनता के बीच जाएं. वीहं बिहार में सीमांचल का क्षेत्र भी भाजपा की नजर में है. इस सीट पर भाजपा की सहयोगी रह चुकी जदयू ही चुनाव लड़ती थी अब इन सीटों पर भाजपा को चुनाव लड़ना है. ऐसे में अमित शाह ने यहां से चुनाव अभिनयन की शुरुआत कर तमाम राजनीतिक दलों के सामने अपनी मनसा स्पष्ट कर दी. 


भाजपा की तरफ से ऊपर से नीचे तक नेताओं और कार्यकर्ताओं के हाथों ढेरों जिम्मेदारी सौंपी है, 40 में से 40 सीटों पर पन्ना प्रमुख तक के लेवल पर काम किया जा रहा है. बिहार में जिन सीटों पर भाजपा की खास नजर है उनमें से ज्यादातर सीटें जदयू के पास हैं. वाल्मीकिनगर, कटिहार, पूर्णिया, गया, झंझारपुर, सुपौल और मुंगेर के अलावा किशनगंज, नवादा और वैशाली सीट पर भाजपा की नजर है जिसमें से दो सीटें नवादा और वैशाली लोजपा के पास है. वहीं किशनगंज की सीट कांग्रेस के पास है. जबकि बाकि की सीटें जदयू के पास है. 


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