Patna: झारखंड सरकार ने हाल में ही राज्य में  आरक्षण की सीमा को बढ़ाने का फैसला किया है. इस दौरान हेमंत सरकार ने आरक्षण की सीमा को 77% तक बढ़ा दिया है. जिसके बाद अब बिहार में भी आरक्षण को बढ़ाने की मांग तेज हो गई है.  बिहार सरकार में सहयोगी HAM के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्वीटकर के आरक्षण को बढ़ाने की मांग की है. 


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पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने किया ट्वीट 


बिहार में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आरक्षण बढ़ाने के मुद्दे को लेकर ट्वीट किया था कि  जब आरक्षण का दायरा पड़ोसी राज्य में बढ़ गया है तो हम क्यों पीछे रहें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह है कि “जिसकी जितनी संख्या भारी,मिले उसको उतनी हिस्सेदारी” के तर्ज पर सूबे में आबादी के हिसाब से आरक्षण लागू कर एक नज़ीर पेश करें। यही न्यायसंगत होगा.


 



इसको लेकर JDU के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी जीतन राम मांझी का समर्थन करते हुए कहा कि अब जब 50 % से ज्यादा आरक्षण का बैरियर टूट गया है तो केंद्र को आरक्षण का दायरा बढ़ाना चाहिए.


हेमंत सरकार ने लिया है ये फैसला 


बता दें कि झारखंड विधानसभा ने विभिन्न श्रेणियों में दिए जाने वाले कुल आरक्षण को बढ़ाकर 77 प्रतिशत करने संबंधी एक विधेयक शुक्रवार को पारित किया. विधानसभा के विशेष सत्र में झारखंड पदों और सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण अधिनियम, 2001 में एक संशोधन पारित करके एससी, एसटी, ईबीसी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्लयूएस) के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण 60 प्रतिशत से बढ़ा कर 77 फीसदी कर दिया है. विधेयक में कहा गया है कि राज्य संविधान की नौवीं अनुसूची में बदलाव करने का केन्द्र से आग्रह करेगा.


(इनपुट: एजेंसी के साथ)