बिहार में खराब होगी फसल तो सरकार देगी मुआवजा, विभाग ने जारी किए आदेश
सरकार ने किसानों की मदद के लिए सहायता योजना की शुरुआत की है. किसानों को अगर योजना का लाभ उठाना है तो सबसे पहले राज्य फसल सहायता योजना के लाभ के लिए राजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है.
खगड़िया : बिहार में कई जिले ऐसे है जहां रबी का मौसम शुरू होने से फसल खराब होने की संभावना बनी रहती है. अगर किसानों की फसल प्राकृतिक आपदा समेत अन्य कारणों से प्रभावित हुए या फिर उत्पादन प्रभावित हुआ तो सरकार की तरफ से मदद के रूप में मुआवजा दिया जाएगा. सरकार की इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को फसल का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. जिला सहकारिता पदाधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि इस साल भी जिले में चार फसल गेहूं, मक्का, राई-सरसों और मसूर फसल को इस योजना के लिए अधिसूचित किया गया है. किसान इन फसलों की बुआई सबसे ज्यादा करते है इसलिए इन फसलों को बिहार सरकार ने सहायता योजना के तहत सुरक्षित किया है. सरकार का कहना है कि सरकार हमेशा किसानों के लिए खड़ी है और सहायता योजना के तहत किसानों की हर संभव मदद करेगी.
किसान 31 मार्च तक करें आवेदन
बता दें कि सरकार ने किसानों की मदद के लिए सहायता योजना की शुरुआत की है. किसानों को अगर योजना का लाभ उठाना है तो सबसे पहले राज्य फसल सहायता योजना के लाभ के लिए राजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. अगर किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवा रखा है और बाद में किसी कारण फसल खराब हो जाती है तो तभी फसल नुकसान होने पर किसानों को आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं. किसानों को गेहूं, राई-सरसों, मक्का और मसूर के लिए 31 मार्च दिसंबर 2023 तक किसान रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. विभाग ने अपने आदेश ने कहा कि अयोग्य किसानों के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया जायेगा. राज्य फसल सहायता योजना के तहत निबंधन कराने वाले 2 प्रतिशत किसानों का रेंडम सत्यापन जिला स्तरीय समन्वय समिति से कराने के आदेश राज्य स्तर से जारी किया गया है.
सहायता योजना से बटाईदार को भी मिलेगा लाभ
बता दें कि किसान अगर खुद की जमीन पर खेती के लिए बटाईदार को देते हैं तो बटाईदार भी बिहार राज्य सहायता योजना के तहत ऑन-लाईन रजिस्ट्रेशन कर सकते है. रैयती किसान व्यक्तिगत पहचान-पत्र, फोटो, बैंक पासबुक, आवासीय प्रमाण-पत्र के साथ उस जमीन का हाल के दिनों में बने एलपीसी देंगे. जिस पर उन्होंने फसल लगाए हैं. इसी तरह गैर-रैयत या बटाईदार किसान को भी रजिस्ट्रेशन के दौरान व्यक्तिगत पहचान-पत्र, फोटो, बैंक पासबुक, आवासीय प्रमाण-पत्र साथ-साथ रकवा समेत दूसरे की जमीन पर खेती करने से संबंधी स्वघोषणा पत्र व किसान सलाहकार या फिर वार्ड सदस्य का अनुशंसित पत्र देना होगा.
योजना के तहत इन लोगों को मिलेगा मुआवजा
बता दें कि फसल और उत्पादन प्रभावित होने की स्थिति में किसानों को अधिकतम दो एकड़ जमीन के लिए सहायता राशि दी जाएगी. 20 प्रतिशत से कम फसल नुकसान होने पर प्रति एकड़ 75 सौ रुपये तथा दो एकड़ के लिए 15 हजार रुपये किसानों को मिलेंगे. इसी तरह 20 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर प्रति एकड़ 10 हजार रुपये तथा दो एकड़ के लिए 20 हजार रुपये आर्थिक सहायता किसानों को दी जायेगी.