Bihar News: बिहार को बदनाम करने वालों और बिहारियों का मजाक उड़ाने वालों को एक बार यह रिपोर्ट जरूरी पढ़नी चाहिए. इस स्टोरी को पढ़ने के बाद यकीनन उनके विचार बदल जाएंगे. अगर फिर भी उनके विचार नहीं बदले तो उनके ज्ञान पर प्रश्नचिह्न जरूर लग जाएगा. बता दें कि अंग्रेजों ने 22 मार्च 1912 को बंगाल से काटकर बिहार राज्य का गठन किया था. अंग्रेजों ने ही बिहार की राजधानी के रूप में पटना को चुना था. यह प्रदेश, भारत के समृद्ध इतिहास का भी परिचायक रहा है. यह धरती सनातन संस्कृति से लेकर, सिख, जैन और बौद्ध धर्म तक सभी के लिए काफी सम्मानित रही. सभी धर्मों को यहां एक साथ फलने-फूलने का मौका मिला.  


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बिहार से जैन धर्म और बौद्ध धर्म की शुरुआत हुई थी और बिहार ही पहली जगह बनी जहां से अहिंसा का प्रचार प्रसार हुआ था. बिहार को IAS-IPS की फैक्ट्री भी कहा जाता है. यहां 5वीं सदी नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी, जहां देश-विदेश से लोग पढ़ने आया करते थे हालांकि, यह अब खंडहर होने के कगार पर है. बॉलीवुड को इस प्रदेश ने अनेकों कलाकार दिए, इनमें से प्रकाश झा, मनोज वाजपई, पंकज त्रिपाठी बड़े नाम हैं. अब आपके मन में यह सवाल होगा कि फिर बिहार बदनाम क्यों और कैसे हुआ? दरअसल, सरकारों की लापरवाही और नकारात्मक राजनीति ने बिहार की चमक को धुंधला कर दिया.


इतना ही नहीं मीडिया ने भी बिहार को बदनाम करने में बड़ी भूमिका निभाई. छोटी सी छोटी घटनाओं को भी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया. क्या आपको पता है भारत में महिलाओं के प्रति दुर्व्यवहार के मामलों में बिहार 10वें स्थान पर आता है और केरल सबसे ऊपर. यह वो राज्य है, जिसे हम सभ्य और पढ़ा-लिखा प्रदेश कहते हैं. बिहारी लोगों के विशेष गुणों को एकत्रित करना एक सामान्यकरण होगा, क्योंकि एक प्रदेश की आबादी में अनेक जातियों, संस्कृतियों, धर्मों और भाषाओं के व्यक्ति मौजूद होते हैं. बिहार के लोगों के कुछ सामान्य गुण निम्नलिखित हो सकते हैं.


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  1. उदारता और सदभाव: बिहारी लोगों को उदार और सद्भावनापूर्ण व्यवहार की परंपरा रही है. वे अपने परिवार और समुदाय के सदस्यों के प्रति सम्मान और प्यार दिखाने में सक्षम होते हैं.

  2. मेहनती और समर्पित: बिहारी लोग मेहनती और समर्पित होते हैं. वे अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मेहनत करते हैं और अपनी प्रगति में समर्पित रहते हैं.

  3. शिक्षाप्रियता: शिक्षा बिहारी समाज के लिए महत्वपूर्ण है और शिक्षाप्रियता उनकी मान्यता है. बिहार में कई शिक्षा संस्थान और विश्वविद्यालय स्थापित हैं और बिहारी लोग शिक्षा के माध्यम से अपने पोटेंशियल को विकसित करने के लिए प्रयासरत रहते हैं.

  4. साहित्य और संस्कृति का प्रेम: बिहार में साहित्य और संस्कृति की गहरी परंपरा है. बिहारी लोगों को अपनी भाषा, संस्कृति, कविता, कहानी, गीत और नाटक के प्रति गहरा प्रेम होता है.

  5. सामाजिक संगठन: बिहारी लोगों का सामाजिक संगठन बड़ा मजबूत होता है. वे अपने समुदाय के विकास और कल्याण में योगदान देने के लिए आगे आते हैं.


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