पटना:  बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी आरजेडी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि उनकी सरकार ‘सात निश्चय’ पर नहीं बल्कि ‘आरएसएस के एजेंडे’ पर काम कर रही है. आरजेडी के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने यहां प्रदेश की नीतीश कुमार सरकार पर 72 पृष्ठ का ‘आरोपपत्र’ जारी करते हुए आरोप लगाया कि उनकी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही तथा अपने ‘सात निश्चय’ के एजेंडे पर नहीं बल्कि ‘आरएसएस के एजेंडे’ पर काम कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की वर्तमान सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड जारी करेगी.


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मगर इस बार इन लोगों ने जानबूझकर रिपोर्ट कार्ड पेश नहीं किया. इन लोगों ने ऐसा कोई काम ही नहीं किया जिसको रिपोर्ट कार्ड के जरिए उपलब्धि के तौर पर गिना सके. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि भले ही 'चोर' दरवाजे से यह सरकार आयी है और लोगों को लगता था कि चुनाव पूर्व जो इन लोगों ने प्रदेश की जनता से किए गए वादे को पूरा नहीं करेंगे.


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उन्होंने नीतीश को आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से सीख लेने का सुझाव देते हुए आरोप लगाया कि नीतीश कुमार कुर्सी की लालच में प्रधानमंत्री से कुछ न तो बोल पा रहे हैं और न ही मांग कर पा रहे हैं. तेजस्वी ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पुरानी है और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से राबडी देवी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार ने इसकी मांग की थी.


मगर केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नीतीश कुमार की वजह से इस प्रदेश को यह दर्जा नहीं मिल सका था. उन्होंने भागलपुर जिले में करोडों रूपये के सृजन घोटाले, शौचालय घोटाले का जिक्र करते हुए नीतीश सरकार पर आरोप लगाया कि इन मामलों में किसी बडे़ नेता और अधिकारी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. 


वहीं, आरजेडी के आरोप पत्र लाने के फैसले पर बीजेपी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी नेता और मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि वो क्या आर्थिक पत्र लाएंगे, जिनके सुप्रीमो भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाज में शांति का माहौल कायम करने में कामयाब रहे हैं. एनडीए के शासनकाल में बिहार में बहुत काम हुए हैं.


इनपुट भाषा से भी