तेजस्वी की `चाल` से बिहार में बढ़ी राजनीतिक हलचल, BJP याद करा रही RJD का शासनकाल
बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को ए टू जेड की पार्टी बनाने में जुटे RJD नेता तेजस्वी यादव के नए पैंतरे से जहां विरोधियों में बेचैनी आई है.
Patna: बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को ए टू जेड की पार्टी बनाने में जुटे RJD नेता तेजस्वी यादव के नए पैंतरे से जहां विरोधियों में बेचैनी आई है. इस बीच, हालांकि भाजपा और जदयू भी RJD की भाषा में ही जवाब देने में जुटे हैं.
'तेजस्वी यादव ने नहीं छोड़ी कोई भी कसर'
दरअसल तेजस्वी मंगलवार को परशुराम जयंती के बहाने सवर्णों को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के तत्वाधान में आयोजित परशुराम जन्मोत्सव के मौके पर तेजस्वी ने साफ लहजे में कहा कि भूमिहार समाज ने सबको मौका दिया है. आप एकबार भरोसा कीजिए, हम निराश नहीं करेंगे. उन्होंने यहां तक कहा कि हम मिलकर नया बिहार बनाएंगे. उन्होंने भूमिहार जाति के लोगों को रिझाते हुए कहा कि एमएलसी के चुनाव में पांच टिकट भूमिहार ब्राह्मण समाज को दिये, जिसमें तीन जीते.
तेजस्वी ने दावा किया कि परशुराम के वंशज साथ दें तो उन्हें सत्ता में आने से कोई रोक नहीं सकता है. एक तरह से देखा जाए तेजस्वी का लक्ष्य किस तरह सवर्ण की इन दो प्रमुख जातियों को अपनी ओर आकर्षित करें. यह भी गौर करने की बात है कि परशुराम जयंती के कई आयोजन में ब्राम्हण और भूमिहार समाज के लोग एक साथ शामिल हुए.
बीजेपी ने साधा निशाना
इधर, भाजपा याद दिला रही है कि RJD शासन काल में सवर्णों पर कितने तरह के जुल्म ढाए गए. परशुराम जयंती के मौके पर परशुराम सेवा संघ सह राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा द्वारा भी परशुराम जयंती का आयोजन किया गया. इसमें बिहार के कई मंत्री शामिल हुए. भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा ने कहा कि समाज निर्माण में इस समाज की बड़ी भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि परशुराम ज्ञान और शक्ति के उपासक थे.
भाजपा के प्रवक्ता मनोज शर्मा कहते हैं कि तेजस्वी यादव किस किस बात के लिए प्रायश्चित करेंगे? कहां कहां जाकर माफी मांगेंगे? अपने पिता लालू यादव के कृत्यों पर कहां कहां पर्दा डालेंगे? इतिहास गवाह है कि इनके पिता लालू यादव ने अगड़े समाज खास कर भूमिहार समाज को किस तरह से प्रताड़ित किया था.
उन्होंने कहा कि भले भूमिहार समाज के कुछ भटके हुए लोगो ने तेजस्वी यादव को मंच दे दिया हो लेकिन, उनको नहीं भूलना चाहिए लालू-राबड़ी की सरकार थी तो उन्हें कैसे प्रताड़ित किया गया था. भाजपा नेता ने कहा कि तेजस्वी यादव की ये सोची समझी साजिश है. जिसके तहत ये सत्ता के शीर्ष पर पहुंचना चाहते हैं. इधर, जदयू के अध्यक्ष और मुंगेर के सांसद ललन सिंह मोकामा में आयोजित परशुराम जयंती में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के किए गए कार्यों का उल्लेख किया. कहा जा रहा है कि RJD के साथ एम वाई (मुस्लिम-यादव) वोटबैंक बना हुआ है, लेकिन पिछड़े अब पूरी तरह गोलबंद नहीं है. ऐसे में तेजस्वी किसी भी हाल में सवर्णों को आकर्षित करने में जुटे हैं.
(इनपुट;आईएएनएस)