पटनाः जदयू के पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी के बयान से एक बार फिर सियासत गर्मा गई है. पूर्व एमएलसी की टिप्पणी को भारतीय सेना का विरोधी बयान बताया जा रहा है. नवादा में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे जदयू के पूर्व एमएलसी ने कहा था कि 'अगर पाकिस्तान से निपटने में डर लग रहा है तो सिर्फ 30 परसेंट फौज में मुसलमानों को जगह दी जाए.' भाजपा ने इस बयान की निंदा की है. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने गुलाम रसूल बलियावी के सनातन धर्म और धर्मगुरुओं के बारे में की गयी टिप्पणी का भी कड़ा विरोध दर्ज कराया है. उन्होंने कहा है कि पूर्व एमएलसी का बयान सनातन धर्म और धर्मगुरुओं के खिलाफ है. 


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भाजपा प्रवक्ता ने की निंदा
जानकारी के मुताबिक, बीजेपी प्रवक्ता ​निखिल आनंद इस संबंध में ट्वीट कर जेडीयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी के बयान पर टिप्पणी दर्ज कराई है. उन्होंने सेना में मुसलमानों की 30 प्रतिशत भागीदारी की मांग वाले बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि 'अगर पूर्व एमएलसी को मुसलमानों की इतनी ही चिंता है तो वे 80 प्रतिशत पसमांदा समाज को उनकी आबादी के अनुपात में समुचित सम्मान दिलाएं. उन्होंने पूर्व एमएलसी से कहा है कि वे पसमांदा समाज को न्याय और सत्ता में उचित भागीदारी दिलाने के लिए धर्म सुधार आंदोलन चलाएं.'   



ट्वीट करके जताया विरोध
​निखिल आनंद ने ट्वीट किया, "गुलाम रसूल बलियावी को मुसलमानों की इतनी ही चिंता है तो 80% पसमांदा समाज को उनकी संख्या के अनुपात में समुचित सम्मान, न्याय, भागीदारी दिलाने के लिए धर्म सुधार आंदोलन चलायें. बलियावी का बयान हिंदू सनातन धर्म, धर्मगुरुओं के साथ ही भारतीय सेना के खिलाफ है. बयान की निंदा करता हूं."