पटनाः Bihar Politics: संजय जायसवाल ने गुरुवार को बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में बिहार सरकार पर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश और महागठबंधन को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि आज 3 दिनों से लगातार बालू माफियाओं के यहां छापा पड़ रहा है. जब हम NDA के साथ थे तब से हम सीएम नीतीश से कहते थे कि बिहार में शराब माफिया और बालू माफिया को सरकार की तरफ से प्रश्रय मिलता है बालू माफिया की ठीक से जांच होगी, तो 10 हजार करोड़ का घोटाला मिलेगा सवाल मुख्यमंत्री पर खड़ा होता है.


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मुख्यमंत्री हमेशा बालू के व्यापार को एक निगम के माध्यम से 3 सालों से अधिकारियों के द्वारा करा रहे हैं. अफसरों के द्वारा कंट्रोल बालू माफिया के द्वारा चल रहा है. कहा जाता है माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा कंट्रोल होता है. मुख्यमंत्री को यह बात बतानी चाहिए कि माफ़ियागिरी में क्या कारण है कि वर्तमान मंत्रियों हो या पूर्व के मंत्रियों और दोनों को अलग करके एक निगम बनाकर क्यों बालू की बिक्री की जा रही है अफसरों को द्वारा क्यों यह किया जा रहा है.


25 फरवरी को बिहार आ रहे गृहमंत्री
महागठबंधन की रैली को लेकर संजय जायसवाल ने कहा कि हर दल अपनी-अपनी तैयारी करता है तो महागठबंधन अपनी रैली कर रहा है. 25 फरवरी को बाल्मिकीनगर लोकसभा कैलोरिया में गृह मंत्री अमित शाह का कार्यक्रम होगा. वहां पर लोकसभा के सभी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे और फिर पटना बापू सभागार में स्वामी सहजानंद जी को श्रद्धांजलि देने गृहमत्री अमित शाह उपस्थित होंगे.


भाजपा जीतेगी 36 से ज्यादा सीट
बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 36 से ज्यादा सीट बीजेपी जीतेगी. बिहार के हर लोगों का आशीर्वाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ हैं. कोई भी अगर रैली होती है तो उसम जवाब देना चाहिए. महागठबंधन रैली 25 फरवरी को कर रहा है. जिस प्रकार से तेजस्वी यादव झूठ बोलकर 75 सीट जीते हैं उसी तरह माले भी झूठ बोलकर धोखा देकर 13 सीट जीतने का काम किया है.


कानून व्यवस्था चौपट
बिहार में विधि व्यवस्था की स्थिति काफी खराब हो गई है और कानून का भय बिहार में अपराधियों में समाप्त हो चुका है. छपरा में जिस तरह से घटना घटी अगर तुरंत इंसाफ मिल जाता तो तो कुछ भी बवाल नहीं होता. जब विधायक से लेकर थाना प्रभारी तक पर जनता को भरोसा नहीं तो यह गड़बड़ी पूरे बिहार में हो रही है. अब दानापुर में यादव गैंग के द्वारा दुकानदार से 5 लाख की रंगदारी मांगी गई है. अब 1990 से 2005 जैसा हाल आया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अफसरों पर कंट्रोल पूर्ण रूप से खत्म हो चुका है.