मधेपुराः Madhepura News: बिहार के मधेपुरा में शिक्षा के मंदिर में शाम ढलते ही जाम छलकता है और जमकर शबाब पार्टी की जाती है. इन सब के बाद सवालों के कटघरे में बीएनएमयू के अधिकारी आ गए है. दरअसल, शराबबंदी वाले बिहार के मधेपुरा स्थित बीएन मंडल विश्वविद्यालय कैंपस में शराब पार्टी का मामला सामने आया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लाइब्रेरी के पास मिली भारी मात्रा में शराब की खाली बोतलें
बता दें कि विश्वविद्यालय के सेंट्रल लाइब्रेरी के पास भारी मात्रा में शराब की खाली बोतलें, ग्लास और चखना में प्रयोग किए जाने वाली सामग्री देखने को मिली है. जिसे देखकर यही प्रतीत होता है कि यहां शराबबंदी का कोई असर ही नहीं है और जमकर जान पर जा छलकाया जाता है. हालांकि बीएनएमयू के कैंपस में जाम छलकना कोई नई बात नहीं है.  


पूरे कैंपस में लगे सीसीटीवी कैमरे
बीते कुछ माह पूर्व भी यहां शराब की खेप के साथ उत्पाद विभाग शराब कारोबारी विश्वविद्यालय कर्मचारी पुत्र को भारी मात्रा में शराब के साथ गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद यहां सुरक्षा व्यवस्था को चौकस किया गया था और पूरे कैंपस में सीसीटीवी कैमरे लगा दिये गये. लेकिन आखिरकार शराब के शौकीन मानने को तैयार कहां है. हालांकि शिक्षा के मंदिर को दूषित करने वाले अधिकारी या कर्मचारी पर विवि प्रशासन क्या एक्शन लेती है यह तो देखने वाली बात होगी, लेकिन विवि कैंपस में शराब पार्टी होने की जानकारी मिलते ही छात्र संगठनों ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. 


विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप
छात्र राजद के विश्वविद्यालय अध्यक्ष सोनू यादव ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में कुछ पदाधिकारी और कर्मचारी शराब और शबाब की पार्टी करते हैं. उसी की निशानी यह खाली बोतलें हैं. उन्होंने कुलपति से मांग किया है कि मामले की गहन जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. क्योंकि शिक्षा के मंदिर इस विश्वविद्यालय में इस तरह का कार्य क्षमा योग्य नहीं है. वहीं इस मामले में कुलसचिव विपिन कुमार राय ने बताया कि शराब की खाली बोतलें मिलने की जानकारी प्राप्त हुई है. इस मामले में जांच करवा कर विधि सम्मत कार्रवाई अवश्य की जाएगी.
इनपुट- शंकर कुमार, मधेपुरा 


यह भी पढ़ें- Bihar Education System: सरकार से मिली रकम खर्च नहीं कर पा रहे विश्वविद्यालय, खाते में डंप हैं 58 करोड़ रुपये