Bihar Education System: बिहार के विश्वविद्यालय से सरकार से मिली रकम को खर्च नहीं कर पा रहे है. वित्तीय मदद पाने वाली कॉलेज की राशि विश्वविद्यालयों के विभिन्न खातों में पड़ी है. ये राशि करीब 58 करोड़ रुपये है
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पटनाः Bihar Education System: बिहार में राज्य सरकार से वित्तीय मदद पाने वाले कॉलेजों का पैसा विश्वविद्यालयों के विभिन्न खातों में पड़ा है. ये राशि करीब 58 करोड़ रुपये है. ऐसी स्थिति में अनुदानित कॉलेजों के सैकड़ों शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का वेतन भुगतान नहीं हो सका है. चौकानें वाली बात ये है कि यह राशि बीते साल मार्च 2023 में विश्वविद्यालयों के मांगे जाने पर दी गई थी. लेकिन अभी तक इस राशि का प्रयोग नहीं किया गया है. जिसके बाद अब शिक्षा विभाग ने इस राशि के व्यय न करने पर एतराज जताया है.
इस राशि के व्यय न करने पर शिक्षा विभाग ने जताया एतराज
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पास परीक्षाफल अनुदान के रूप में 9 करोड़, बीएन मंडल विवि के पास 3 करोड़, तिलकामांझी विवि के पास 2.6 करोड़, एलएनएमयू के पास 15 करोड़, मगध विश्वविद्यालय के पास 18 करोड़ और जय प्रकाश विश्वविद्यालय के पास 10 करोड़ की परीक्षा फल आधारित अनुदान राशि बकाया है. इसके अलावा कई विश्वविद्यालयों में खुद शिक्षा विभाग ने ही राशि जारी नहीं की है
शिक्षा विभाग खुद खाते में डालेगा विश्वविद्यालयों के कर्मियों का वेतन
सामान्य तौर पर विश्वविद्यालयों शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन शिक्षा सीधे विश्वविद्यालय के खाते में डाल दिया करता था. इसके बाद शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि वह स्वयं विश्वविद्यालयों के कर्मियों का वेतन उनके खाते में डालेगा. इसके लिए उसने पे-रॉल मैनेजमेंट पोर्टल विकसित किया है. इस पर विवि को अपने सभी कर्मियों विवरण अपलोड करना है. हालात यह अधिकतर विश्वविद्यालयों ने इसमें आधी-अधूरी जानकारी ही भरी है. ऐसे में उनकी जुलाई की सैलरी लटकनी तय है. दरअसल, विभाग ने साफ कर रखा है कि कर्मचारियों का विवरण पोर्टल पर बिना अपलोड हुए सैलरी जारी नहीं की जायगी.
कर्मचारियों का विवरण पोर्टल पर नहीं अपलोड
सूत्रों के अनुसार 23 जुलाई तक की स्थिति में बाबा साहेब आंबेडकर विश्वविद्यालय ने अभी तक अपने 76%, तिलकामांझी विवि ने अपने 43%, एलएनएमयू ने अपने 57%, मुंगेर विवि ने 86%, पूर्णिया विवि ने 74%, मगध विवि ने 6%, पटना विवि केवल 3%, पाटलिपुत्र विवि ने 32%, वीर कुंवर सिंह विवि ने 56%, केएसडीएस ने 95% और जयप्रकाश विवि ने अपने 48% शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों का विवरण पोर्टल पर अपलोड किया है.
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