पटना: पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) अभ्यर्थियों का सत्याग्रह छठे दिन भी जारी है. हजारों की संख्या में जुटे ये अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. इनमें से कई अभ्यर्थी आमरण अनशन पर बैठ गए हैं, जिनकी तबीयत बिगड़ने के बावजूद उन्होंने अनशन खत्म करने से इनकार कर दिया है.


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क्या है अभ्यर्थियों की मांग?
अभ्यर्थियों का मुख्य आरोप है कि बीपीएससी की परीक्षा में अनियमितताएं हुई हैं. उनका कहना है कि पूरी परीक्षा को रद्द कर आयोग को नया नोटिस जारी करना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वे धरना स्थल से नहीं हटेंगे. अभ्यर्थियों का कहना है, अगर आज हम झुक गए तो आने वाली पीढ़ी अपने अधिकारों के लिए कभी खड़ी नहीं हो पाएगी.


तबीयत बिगड़ने के बावजूद अनशन जारी
आमरण अनशन पर बैठे अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़ने लगी है. डॉक्टरों की टीम ने रात में आकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया और पानी चढ़ाने की सलाह दी, लेकिन अभ्यर्थियों ने इसे मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे अपना अनशन जारी रखेंगे.


अभ्यर्थियों की दृढ़ता
अभ्यर्थियों का कहना है कि हमारा शरीर कमजोर हो सकता है, लेकिन हमारा हौसला कभी नहीं टूटेगा. उनका यह भी कहना है कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो वे अपने प्राण त्याग देंगे. इसके बावजूद उनका विश्वास है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेंगे और समाधान करेंगे.


समर्थन जुटाने की कोशिश
धरने पर बैठे अभ्यर्थियों ने समाज के हर वर्ग से अपील की है कि वे उनके इस आंदोलन में शामिल होकर न्याय की मांग करें. उनका कहना है कि यह लड़ाई केवल उनके भविष्य की नहीं, बल्कि हर उस युवा की है जो अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करता है.


सरकार और आयोग पर दबाव
यह आंदोलन धीरे-धीरे राज्य में बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. अभ्यर्थियों का प्रदर्शन और आमरण अनशन सरकार और आयोग दोनों पर दबाव बना रहा है. अब देखना यह है कि क्या उनकी मांगें पूरी होती हैं या यह आंदोलन और बड़ा रूप लेता है. इस घटना ने राज्य में परीक्षा प्रक्रिया और प्रशासनिक व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.


इनपुट- निषेद कुमार


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