BPSC TRE 3.0 : बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा (BPSC TRE 3.0) में धांधली करने वाले 68 अभ्यर्थियों पर बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने बड़ी कार्रवाई की है. इन अभ्यर्थियों ने अपनी जगह किसी अन्य व्यक्ति को परीक्षा दिलाने का प्रयास किया था. आयोग ने इन सभी पर स्थायी रूप से प्रतिबंध लगाते हुए उनके नाम, रोल नंबर और अन्य विवरण सार्वजनिक कर दिए हैं. अब ये अभ्यर्थी भविष्य में किसी भी बीपीएससी परीक्षा में भाग नहीं ले सकेंगे.


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फर्जीवाड़े पर सख्त कार्रवाई
बीपीएससी ने परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह सख्त कदम उठाया है. इन 68 अभ्यर्थियों को परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने के दोषी पाए जाने के बाद प्रतिबंधित किया गया. यह कदम अन्य अभ्यर्थियों को निष्पक्ष परीक्षा प्रणाली के महत्व का संदेश देता है.


विद्यालय अध्यापक पद के लिए काउंसलिंग
तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती के तहत चयनित 67,110 शिक्षकों की काउंसलिंग 9 से 16 जनवरी तक आयोजित की जाएगी. यह प्रक्रिया आवंटित जिलों में होगी. पहले यह काउंसलिंग 23 से 28 जनवरी के बीच निर्धारित थी, लेकिन अब इसे आगे बढ़ा दिया गया है.


काउंसलिंग के लिए जरूरी दस्तावेज
काउंसलिंग के दौरान अभ्यर्थियों को कुछ जरूरी दस्तावेज लेकर आना होगा। इनमें शामिल हैं.


  • बीपीएससी टीआरई 3.0 का मूल प्रवेश पत्र और स्वअभिप्रमाणित छायाप्रति.

  • आधार कार्ड और उसकी छायाप्रति.

  • शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों की मूल और डाउनलोड की गई वाटरमार्क प्रति.

  • सीटीईटी/बीटीईटी/एसटीईटी पास प्रमाणपत्र.

  • पासपोर्ट साइज फोटो (जैसा फॉर्म भरते समय जमा किया गया था).

  • आरक्षण से संबंधित प्रमाणपत्र.

  • जन्म तिथि में छूट (यदि लागू हो) से संबंधित प्रमाणपत्र.

  • पैन कार्ड और बैंक खाते की जानकारी.


अभ्यर्थियों की जिम्मेदारियां
काउंसलिंग के दौरान अभ्यर्थियों को अपने आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर और ओटीपी वेरिफिकेशन के लिए तैयार रहना होगा. इसके अलावा जो अभ्यर्थी पहले से शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं, उन्हें अपनी नियुक्ति के बाद एक पक्ष के भीतर अनापत्ति प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा.


निष्पक्षता सुनिश्चित करने का प्रयास
बीपीएससी ने सभी दस्तावेजों की सख्त जांच के लिए अभ्यर्थियों को पोर्टल से वाटरमार्क वाले प्रमाणपत्र डाउनलोड करने की प्रक्रिया को लागू किया है. इस प्रक्रिया का उद्देश्य काउंसलिंग में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकना और चयन प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाना है.


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