पटना:BSSC: बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने पिछले महीने प्रथम इंटर स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का रिजल्ट जारी किया था. जिसमें सैंकड़ों अभ्यर्थियों के हाथ निराशा लगी. दरअसल, काउंसिलिंग के बाद 1778 अभ्यर्थियों को मेरिट लिस्ट से बाहर कर दिया गया. जबकि अभी भी 2 हजार सीटें खाली हैं. जिसके बाद सभी 13,120 सीटों पर बहाली की मांग के लिए अभ्यर्थियों ने आयोग के दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया. बता दें कि प्रथम इंटरस्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के लिए 8 साल पहले विज्ञापन निकाला गया था. 


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मांग को लेकर प्रदर्शन 
अभ्यर्थी अपनी मांग को लेकर सड़क पर लगातर प्रदर्शन कर रहे हैं. बुधवार को बिहार कर्मचारी चयन आयोग के सामने राज्य भर से अभ्यर्थी प्रदर्शन के लिए पहुंचे थे. बारिश के बावजूद अभ्यर्थी बहाली की मांग को लेकर सड़क पर डटे रहे. अभ्यर्थियों ने आयोग के दफ्तर के सामने भी कई घंटों तक प्रदर्शन किया. 


1757 पद खाली
बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने साल 2014 में 13 हजार 120 पदों के लिए आवेदन मांगे थे. जिसके 8 साल बाद पिछले महीने इसका परिणाम घोषित किया गया. अभ्यर्थियों को प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा, शारीरिक जांच, टाइपिंग जैसी प्रकियाओं से गुजरना पड़ा. जिसके बाद कांउसलिंग के लिए 14 हजार 410 अभ्यर्थियों को बुलाया गया. इस दौरान 1778 अभ्यर्थी मेरिट लिस्ट जगह नहीं बना सके. पिछले महीने आयोग द्वारा घोषित परिणाम के बाद 11 हजार 329 अभ्यर्थी इसमें सफल रहे. जिसके बाद 1757 पद खाली रह गए. अभ्यर्थी अब सभी पदों को भरने की मांग कर रहे हैं.


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सरकार पर सवाल


वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों ने बीएसएससी के बहाने सरकार पर हमला बोला है. राजद के विधायक भाई बीरेंद्र ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता में रोजगार ही नहीं है. कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि आठ साल बाद भी अगर किसी वैंकेसी पर सवाल उठता है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार है.