Khanauri Border: MSP की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर एक महीने से भूख हड़ताल पर बैठे डल्लेवाल ने कहा है कि या तो हम जीत जाएंगे या मर जाएंगे. 70 वर्षीय डल्लेवाल ने कहा कि किसान ये लड़ाई तभी जीत पाएंगे, जब पूरा देश एकजुट होगा.
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Kisan Andolan: MSP की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 13 नवंबर से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. डॉक्टरों ने हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर अनशन पर बैठे डल्लेवाल की हालत नाजुक बताई है. डल्लेवाल का ब्लड कीटोन टेस्ट किया गया है. सामान्य तौर पर इसका लेवल 0.6 होना चाहिए जो बढ़कर 5.8 तक पहुंच गया है. डॉक्टरों के मुताबिक जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक खाना नहीं खाता है तो बॉडी में प्रोटीन टूटने के कारण कीटोन खून में आने लगते हैं, जिसे सेहत के लिए खतरनाक माना जाता है. डल्लेवाल अब भी अपनी जिद पर अड़े हैं. जैसे-जैसे उनकी ओर खतरा बढ़ रहा है, इनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं.
शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के प्रमुख डल्लेवाल ने कहा था कि या तो हम जीत जाएंगे या मर जाएंगे. हालांकि 70 वर्षीय डल्लेवाल ने ये भी कहा कि किसान ये लड़ाई तभी जीत पाएंगे, जब पूरा देश एकजुट होगा. इधर विभिन्न किसान संगठन पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि अगर डल्लेवाल को कुछ हो गया तो पूरे देश में आंदोलन होगा और इस स्थिति को सरकार संभाल नहीं पाएगी.
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सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी पंजाब को फटकार
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पंजाब सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय करने चाहिए कि अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे डल्लेवाल को तत्काल और पर्याप्त चिकित्सा देखभाल मिले. कोर्ट ने राज्य सरकार को शनिवार सुबह 11 बजे तक मामले में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया. जस्टिस सुधांशु धूलिया ने पंजाब सरकार से कहा, शायद आप इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं नहीं तो आपने अब तक चिकित्सा सहायता दे दी होती.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुधांशु धूलिया की अवकाश पीठ ने मुख्य सचिव के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया, जिसमें डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के पिछले अदालती आदेश का पालन न करने का आरोप लगाया गया है. इस पर पंजाब सरकार के वकील ने दलील दी कि डल्लेवाल को स्थानांतरित करने में असमर्थ हैं, क्योंकि उनके साथी इसका विरोध कर रहे हैं. इस पर कोर्ट ने कहा, अगर कुछ लोग कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा कर रहे हैं तो यह आपका मामला है. आपको इससे सख्ती से निपटना चाहिए.