पटनाः बिहार सरकार ने राज्य के दो स्मार्ट सिटी के बजट में कटौती कर दी गई है. बिहारशरीफ और मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी के बजट की राशि को कम कर दिया है. हालांकि इन दोनों शहरों की राशि में कटौती क्यों की गई है, इसका जवाब नहीं मिला है. बिहार में स्मार्ट सिटी के तहत पटना, भागलपुर, बिहार शरीफ और मुजफ्फरपुर का चयन किया गया है.


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रफ्तार बेहद धीमी
केंद्र सरकार ने शहरों की स्थिति सुधारने के लिए स्मार्ट सिटी योजना आरंभ की थी. पटना में भी इसकी जोरशोर से शुरुआत हुई. राजधानी होने की वजह से पटना में स्मार्ट सिटी का काम दिखने लगा है. हालांकि इसकी रफ्तार बेहद ही धीमी है. इसी बीच बिहार सरकार ने बिहार शरीफ और मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की राशि में कटौती कर दी है. कल कैबिनेट ने इससे संबंधित प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. कल बकायदा कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद इसकी जानकारी दी गई.


मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की राशि में कटौती
दरअसल, स्मार्ट सिटी के बजट में केंद्र और राज्य सरकार दोनों की राशि होती है. वैसे भी बिहार सरकार के कई मंत्रियों ने केंद्र पर बिहार के आवंटन में कटौती और जीएसटी के हिस्से में कटौती के आरोप लगाए हैं. बिहार सरकार ने बिहार शरीफ और सरकार ने बिहार शरीफ और मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की राशि में कटौती की है. पहले बिहारशरीफ के लिए 2018 में 1570 करोड़ की स्वीकृति दी गई थी, जिसे अब घटकर 978 करोड़ कर दिया गया है. इसी तरह स्मार्ट सिटी के लिए साल 2017 में 1580 करोड़ की स्वीकृति दी गई थी, लेकिन अब इसे घटाकर 982 करोड़ कर दिया है. बिहार कैबिनेट ने इससे जुड़े प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. 


बिहार में महागठबंधन सरकार की वापसी पर केंद्र पर वित्तीय आवंटन को लेकर गंभीर आरोप लगते रहे हैं. स्मार्ट सिटी में केंद्र और राज्य दोनों की हिस्सेदारी होती है, लेकिन पैसे के अभाव में अगर इसी तरह बजट की कटौती होती रही तो फिर बिहार के शहर स्मार्ट कैसे बनेंगे. 
इनपुट-प्रीतम कुमार


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