पटना: पटना में मेट्रो रेल परियोजना का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन इसके दौरान कई जगहों पर रुकावटें भी आ रही हैं. पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह इन रुकावटों को दूर करने के लिए सख्त कदम उठा रहे हैं. पटना-गया रोड पर मेट्रो रेल डिपो के निर्माण के लिए 37 मकानों का अधिग्रहण किया गया है, लेकिन अभी तक इनमें से केवल 4 मकान ही तोड़े गए हैं. बाकी 33 मकानों को अब तक नहीं तोड़ा गया है.


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डीएम ने भू अर्जन पदाधिकारी और मेट्रो अधिकारियों के साथ बैठक कर इन मकानों को जल्द से जल्द ध्वस्त करने का आदेश दिया है. मकान मालिकों का कहना है कि जब तक उन्हें विस्थापित नहीं किया जाएगा, वे अपने मकान नहीं तोड़ने देंगे. पहले से टूटे चार मकानों में से सिर्फ एक मकान मालिक को मुआवजा मिला है, जबकि दो मकान मालिकों को चार महीने बाद भी मुआवजा नहीं मिला है. एक मकान मालिक ने इस मुद्दे को लेकर कोर्ट का सहारा लिया है.


साथ ही बता दें कि 33 मकानों में से 27 मकान मालिकों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया है, लेकिन अब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला है. बाकी छह मकान मालिक विस्थापन की मांग कर रहे हैं. एक मकान मालिक अरुण कुमार ने बताया कि उन्होंने इस मामले को हाई कोर्ट में उठाया है और कोर्ट ने आदेश दिया है कि पहले मकान मालिकों को विस्थापित किया जाए, उसके बाद ही मकानों को तोड़ा जाए.


इसके अलावा पटना-गया रोड के साथ-साथ पीएमसीएच के पास मेट्रो रेल लाइन परियोजना में आ रही चार दुकानों को भी तोड़ने का आदेश दिया गया है. वहीं, राधा कृष्ण मंदिर जो मेट्रो लाइन के निर्माण में बाधा बन रहा है, उसे भी विस्थापित करने का आदेश दिया गया है. डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि परियोजना की प्रगति में आने वाली सभी रुकावटों को दूर किया जाएगा और मेट्रो का काम समय पर पूरा होगा. मकान मालिकों और दुकानदारों के साथ बातचीत कर उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा ताकि मेट्रो परियोजना में और कोई बाधा न आए.


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