पटना:Bihar News: बिहार में तितलियों के मारने और उनका व्यापार करने वाले लोगों के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई करने जा रही है. बिहार स्टेट बायोडायवर्सिटी बोर्ड के एक्ट के तहत ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. इस एक्ट में तितली के अवैध व्यापारियों को जेल भी जाना पड़ सकता है. इसके अलावा वन्य प्राणी, डोमेस्टिक जानवर, पक्षी, तितलियां, पुराने वृक्षों का संरक्षण भी इस एक्ट के तहत हो सकेगा. साथ ही औषधीय पेड़ और छोटे-छोटे जीवों के संरक्षण में भी इस एक्ट से मदद मिलेगा. इसके लिए 2023 मे कमेटी का गठन किया गया है.


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तितलियों के मारने वाले जाएंगे जेल


ये कमेटी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अंदर में आता है. राज्य के वनस्पति, जीवों की प्रजातियों को संरक्षण करने में इसका लाभ मिलेगा. पटना सहित राज्य के सभी जिलों में अप्रैल 2023 से जैव विविधता सरंक्षण के लिए काम शुरू हो जाएगा. इसके तहत जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर पर कमेटी का गठन करके वहां के वन्य प्राणी के साथ-साथ डोमेस्टिक जानवर, पक्षी, तितलियां, विभिन्न छोटे-छोटे जीवों, औषधीय पौधे और पुराने वृक्षों को संरक्षण किया जाएगा. इसके लिए एक सूची भी तैयार की जाएगी.


सभी जिलों में कमेटी का गठन


बीएमसी के हर कमेटी में एक रजिस्टर रखना अनिवार्य है. इस रजिस्टर में ही सभी सदस्य अपना नाम लिखेंगे. सूची को बोर्ड के आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट किया जाएगा. बोर्ड ने बिहार स्टेट बायोडायवर्सिटी बोर्ड को धरातल पर उतारने के लिए 50 हजार से अधिक सदस्य बनाए हैं. बिहार पंचायती राज विभाग के द्वारा जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर पर इसके लिए कमेटी गठित किया गया है. कमेटी को सात सदस्यीय बनाया गया है. इसमें अध्यक्ष, सचिव और मेंबर शामिल हैं. राज्य के 8500 पंचायतों में अभी तक बीएमसी का गठन हो चुका है. वहीं कमेटी का गठन  22 जिला और 490 प्रखंडों में हो चुका है.


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