बक्सर में पुलिस ने नक्सली के भाई मुन्ना राजभर को किया गिरफ्तार
गांव में बरसों पहले उसके भाई सुरेश राजभर समेत छह अपराधियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था और यह ऑपरेशन लगभग 32 घंटों से भी अधिक समय तक चला था. ऑपरेशन के बाद अपराधियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मारा था
बक्सर : बक्सर पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. दरअसल, बक्सर पुलिस ने एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात नक्सली सुरेश राजभर के भाई मुन्ना राजभर को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है. पुलिस ने इसके साथ इसके एक अन्य सहयोगी को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से हथियार और बाइक के अलावा कई कागजात भी बरामद किए हैं. आपको बताते चलें कि मुन्ना राजभर पर जिले में 5 हत्याओं का आरोप है जिसके बाद से ही पुलिस इसकी तलाश कर रही थी. पुलिस के मुताबिक उसने जिले के राजपुर थाना के लक्ष्मणपुर डेरा गांव में इन हत्याओं की वारदात को अंजाम दिया था.
32 घंटे के ऑपरेशन के बाद हुई गिरफ्तारी
बता दें कि गांव में बरसों पहले उसके भाई सुरेश राजभर समेत छह अपराधियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था और यह ऑपरेशन लगभग 32 घंटों से भी अधिक समय तक चला था. ऑपरेशन के बाद अपराधियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मारा था उनका शव लेने के लिए भी कोई सामने नहीं आया था. बताया जाता है कि मोना राजभर का भाई सुरेश राजभर लंबे समय से अपना नाम और पता बदल कर पहचान छुपाए हुए पुलिस की नजरों से बच रहा था. सरकार ने इसके ऊपर इनाम की भी घोषणा की थी. बता दें कि मुन्ना राजभर की गिरफ्तारी को पुलिस बड़ी कामयाबी मान रही है क्योंकि फेरारी के बाद से ही वह अक्सर इलाके में सक्रिय था और अपराधिक घटनाओं के साथ-साथ रंगदारी जैसे मामलों में भी उसके नाम सामने आ रहे थे हालांकि पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद भी वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा था. हालांकि अब उसकी गिरफ्तारी के बाद जो लोग भी इनके गोलियों के शिकार हुए हैं उनके परिजनों ने भी राहत की सांस ली है.
घटना पर क्या कहते है एसपी नीरज कुमार सिंह
बक्सर एसपी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि सुरेश राजभर का भाई मुन्ना राज भर अपनी पहचान छुपा कर अलग-अलग ठिकाने बदल रहा था, लेकिन पुलिस उसकी तलाश में लंबे समय से लगी हुई थी. इसी बीच पुलिस को सूचना मिली थी कि वह अपने साथियों के साथ किसी जगह पर देखा गया है जिसके बाद पुलिस ने मुख्यालय डीएसपी और सदर डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया जिसमें एसपी के स्पेशल फोर्स डीआईयू को भी शामिल किया गया. जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया. एसपी के मुताबिक गिरफ्तारी के दौरान भी मुन्ना राजभर अपनी पहचान छुपाने की कोशिश कर रहा था लेकिन पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के बाद जब सत्यापन किया तो सारा सच सामने आ गया.
इनपुट- रवि मिश्रा
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