पटना: CBI ने देशभर के 62 फर्जी प्रमाणपत्र पर डॉक्टरी करने वालों पर कारवाई शुरू कर दी है. सीबीआई ने पाया कि बिहार में 19 विदेशी चिकित्सा स्नातक एफएमजीसी परीक्षा में फेल होने के बाद भी फर्जी पास प्रमाणपत्र के आधार पर बिहार मेडिकल काउंसिल से सर्टिफिकेट प्रैक्टिस करने का सर्टिफिकेट लेने में सफल हो गए. साथ ही विभिन्न अस्पतालों और निजी तौर पर प्रैक्टिस कर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे है.


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बता दें कि रूस, यूक्रेन, जर्जिया और अर्मेनिया समेत विदेशों से डॉक्टरी की डिग्री लेकर आये देशभर के 74 लोगों में से 62 ऐसे डाक्टर है, जो देश के विभिन्न राज्यों में मेडिकल काउंसिल के फर्जी प्रमाण पत्रों पर अस्पतालों में प्रैक्टिस या नौकरी कर रहे हैं. इनमें से 19 डॉक्टर अभ्यर्थियों को बिहार मेडिकल काउंसिल ने प्रमाण पत्र दिया. जिनमें से एक फर्जी डाक्टर शमीम फारुखी तो पटना के पारस अस्पताल में तीन साल तक मरीजो का इलाज करता रहा और सीबीआई जांच के बाद पारस ने उसे निकाल दिया.


मामले का खुलासा होने के बाद CBI ने बिहार मेडिकल काउंसिल द्वारा रजिस्ट्रेशन दिए गए 19 डॉक्टर अभ्यर्थियों के खिलाफ FIR दर्ज किया है. CBI के इस FIR को देखिये तो आपकी आंख फटी रह जायेगी कि विदेश से MBBS पढ़कर आये ये अभ्यर्थी जब NBEMS के FMGE परीक्षा में या तो शामिल नहीं हुए या फेल हो गए इन सब को बिहार मेडिकल काउंसिल ने प्रक्टिस करने का सर्टिफिकेट दे दिया. जब सीबीआई ने देशभर के 91 शहरों में विभिन्न राज्यों के मेडिकल काउंसिल और फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे अभ्यर्थियों के RAID किया तो मामले का खुलासा हो गया कि बिहार समेत राज्यों के मेडिकल काउंसिल में गोरखधंधा चरम पर है. बिहार के पटना सहित मुंगेर, भागलपुर, चंपारण, बेगूसराय, हाजीपुर, वैशाली और नालंदा में छापा मारा. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के उप सचिव सुनील कुमार गुप्ता ने CBI में यह मामला दर्ज कराया .


बिहार मेडिकल काउंसिल से रजिस्टर्ड इन 19 अभ्यर्थियों सहित सभी 62 अभ्यर्थियों ने अनिवार्य परीक्षा में फेल होने के बावजूद मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करा लिया. सीबीआई के FIR के मुताबिक़ NBEMS अभ्यर्थियों के साथ-साथ मेडिकल काउंसिलों को अपने रिजल्ट भेजता है. जब इन अभ्यर्थियों द्वारा फर्जी योग्यता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये गये थे, तो मेडिकल काउंसिल की NBEMS द्वारा सीधे उन्हें भेजे गये रजिस्ट्री से इसे सत्यापित किया जा सकता था पर ऐसा नहीं किया गया. बिहार के फर्जी मेडिकल प्रैक्टिसनर कि सूची देखिये जिन्हें बिहार मेडिकल काउंसिल ने फर्जी कागजात के आधार पर डाकार बनाकर प्रैक्तिस्नर बना दिया और अब CBI इन तमाम के ऊपर कारवाई कर रही है.


इनपुट - प्रशांत झा


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