Delhi/Patna: सीबीएसई बोर्ड बारहवीं बोर्ड का मू्ल्याकन कैसा होगा इसकी तस्वीर गुरुवार को साफ हो गई. केंद्र सरकार ने इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर बताया कि कैसे बारहवीं के नतीजे निर्धारित किए जाएंगे. केंद्र ने बताया की 12वीं के मूल्यांकन का आधार दसवीं-ग्यारहवीं का 30-30 फीसदी मार्क्स और बारहवी के 40 प्रतिशत नंबर को जोड़कर रिजल्ट घोषित किए जाएंगे.


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जानकारी के अनुसार, सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बारहवीं कक्षा (CBSE 12TH Board Result) की परीक्षाओं के लिए ग्रेड/अंक देने के लिए अपने मूल्यांकन मानदंड पेश किए. सीबीएसई ने बताया कि दसवीं और ग्यारहवीं कक्षा के लिए टर्म परीक्षा में 5 पेपरों में से 'बेस्ट ऑफ थ्री' (यानी 5 में से 3 सर्वश्रेष्ठ विषयों के नंबर) अंकों पर विचार किया जाएगा. बारहवीं कक्षा के लिए, यूनिट, टर्म और प्रैक्टिकल में प्राप्त अंकों को ध्यान में रखा जाएगा. बोर्ड ने कोर्ट को मूल्यांकन का फॉर्मूला बताते हुए कहा कि दसवीं-ग्यारहवीं का 30-30 फीसदी मार्क्स और बारहवी के 40 प्रतिशत नंबर को जोड़कर नतीजें घोषित किए जाएंगे.



इसके साथ ही अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जहां तक बारहवीं कक्षा के लिए अंतिम अंक देने का संबंध है तो एक मॉडरेशन कमेटी हो सकती है जो सभी छात्रों को रखने के लिए विभिन्न स्कूलों द्वारा अपनाई गई अंकन प्रणाली में अंतर को देखगी. वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि प्रत्येक स्कूल को तीन परीक्षाओं में प्राप्त छात्रों के अंकों पर विचार करने के लिए एक परिणाम समिति बनानी होगी, जिसे सीबीएसई की मॉडरेशन कमेटी द्वारा जांचा जाएगा.





इसके साथ ही बोर्ड ने छात्रों के लिए एक और सुविधा देगा. अटॉर्नी जनरल ने यह भी कहा कि जो छात्र वर्तमान तंत्र के माध्यम से अंक/ ग्रेडिंग से संतुष्ट नहीं हैं, वे कोविड-19 की स्थिति के बेहतर होने के बाद  शारीरिक परीक्षाओं में शामिल होकर बेहतर कर सकते हैं या अपने अंकों में सुधार कर सकते हैं. एजी केके वेणुगोपाल ने अदालत को बताया कि 12वीं बोर्ड के परिणाम की घोषणा 31 जुलाई 2021 तक की जाएगी.