Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार चलने वाला मनुष्य अपने जीवन के हर उतार चढ़ाव को पार कर सकता है. क्योंकि चाणक्य नीति में कई ऐसी महत्वपूर्ण बातें बताई गई है. जिससे आप अपने जीवन को एक नई दिशा दे सकते हैं. चाणक्य नीति में सुखी जीवन बिताने के लिए कई मंत्र बताए गए हैं. चाणक्य नीति में कई ऐसे श्लोक लिखे हैं जिन्हें आप समझ कर अपने जीवन को और बेहतर बना सकते हैं. आज हम आपको चाणक्य नीति के अनुसार सुखी जीवन के चार रहस्य बताने जा रहे हैं. 


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क्षान्ति तुल्यं तपो नास्ति सन्तोषान्न सुखं परम् ।


नास्ति तृष्णा समो व्याधिः न च धर्मो दयापरः ॥



मन की शांति
जीवन में अनेक समस्याएं आती है. अक्सर उन समस्याओं के कारण व्यक्ति के जीवन में अशांति आ जाती है. जिसके कारण उसके व्यवहार और चीजों से निपटने के तरीके बदल जाते हैं. व्यक्ति उन समस्याओं के चलते अक्सर परेशान रहने लगता है. लेकिन वहीं, चाणक्य नीति के अनुसार जीवन में चाहे जितनी भी परेशानियां आए मनुष्य को हमेशा ही शांति से काम लेना चाहिए. चाणक्य कहते हैं कि जीवन में कितनी बड़ी ही समस्या क्यों न हो, हमें हमेशा शांति से हर समस्या का हल करना चाहिए. 


ऊपर लिखे श्लोक में चाणक्य ने कहा है कि शांति से बड़ा कोई भी तप नहीं है. वहीं, जीवन में लोग भौतिक सुख से ज्यादा मन की शांति चाहते हैं. जिस व्यक्ति का मन शांत नहीं होता वह अक्सर परेशान रहता है. इसलिए मनुष्य को हमेशा अपने मन को शांत रखने की कोशिश करनी चाहिए. इससे जीवन की कई परेशानियां समाप्त हो जाएंगी और जीवन को देखने के नजरिए में भी बदलाव आता है. 


संतुष्टी होना जरूरी है
चाणक्य नीति के अनुसार मनुष्य के जीवन में संतुष्टि सबसे जरूरी है. चाणक्य के अनुसार जीवन में सबसे श्रेष्ट "संतुष्टी" है. क्योंकि अक्सर हम लोगों से अपना आंकलन करते हैं, लेकिन संतुष्टि खुद के मन और मस्तिष्क से की जाती है. जिसके लिए मनुष्य को अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण करना जरूरी है. 


लालच से रहें दूर
अक्सर मनुष्य अपने जीवन की इच्छाओं को पूरा करने के लिए गलत रास्ते अपनाने से भी नहीं ड़रता है. किसी भी चीज को पाने की लालसा लोगों के जीवन में कई बार परेशानी का कारण भी बन जाती है. जीवन में मनुष्य को किसी भी चीज का लालच नहीं करना चाहिए. लालच अच्छे व्यक्ति को बर्बाद कर देता है. उसके जीवन के सुकून को भी बर्बाद कर देता है. जो मनुष्य इन चीजों पर काबू पा लेता है वह अपने जीवन को एक बेहतर मोड़ दे सकता है. 


परोपरकारी बनें
चाणक्य नीति के अनुसार किसी भी मनुष्य में दया का भाव उसके बेहतर व्यवहार को दर्शाता है. इसलिए एक मनुष्य को दया और परोपकार से भरा होना चाहिए. लोगों को हमेशा ही दूसरों की मदद करने का सोचना चाहिए. इससे आपके अपने जीवन में भी सुख बना रहता है. 


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