Chandra Grahan 2023: आश्विन शुक्ल पूर्णिमा रोज शनिवार दिनांक 28/ 29 अक्टूबर की रात खंडग्रास चंद्र ग्रहण लगेगा जो पूरे भारत में दिखाई देगा. भारत के अलावा बहुत से अन्य देशों में भी यह ग्रहण लगेगा और दिखाई भी देगा. भारतीय मानक समय के अनुसार इस खंडग्रास चंद्र ग्रहण का स्पर्श प्रचलित घड़ी के अनुसार रात 1:05 से यह ग्रहण प्रारंभ तथा इसका मध्य समय रात 1:44 पर होगा. रात्रि 2:23 पर इस खंडग्रास चंद्र ग्रहण का मोक्ष अथवा समाप्ति हो जाएगी. यह चंद्र ग्रहण का समय पूरे भारत में एक ही समान ही होता है. 


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पंडित धनंजय शास्त्री के अनुसार, इस बार का चंद्रग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि पर लगने वाला है. इसका मतलब यह हुआ कि अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि वालों को यह ग्रहण नहीं देखना चाहिए और शांति के उपाय करने चाहिए. आचार्य पं धनंजय शास्त्री यह भी बताते हैं कि किन राशियों पर चंद्रग्रहण का सकारात्मक असर होने वाला है. 


आचार्य पं धनंजय शास्त्री ने बताया, विभिन्न राशि वालों के लिए ग्रहण का गोचर फल इस प्रकार होगा:.मेष के लिए घात, वृष के लिए हानि, मिथुन के लिए लाभ, कर्क के लिए सुख, सिंह के लिए मानहानि, कन्या के लिए मृत्यु तुल कष्ट, तुला के लिए स्त्री पीड़ा, वृश्चिक के लिए सौख्य, धनु के लिए चिंता, मकर के लिए व्यथा,  कुंभ के लिए श्री:, मीन के लिए क्षति.


उन्होंने यह भी बताया, धर्मशास्त्रों के अनुसार चंद्रग्रहण में ग्रहण से पूर्व 9 घंटे पहले ग्रहण का सूतक होता है. इसमें बालक वृद्धि और रोगी को छोड़कर अन्य लोगों के लिए भोजन करना निषिद्ध है. सूतक लग जाने पर मंदिर में प्रवेश करना, मूर्ति को स्पर्श करना, भोजन करना ,मैथुन क्रिया, यात्रा इत्यादि वर्जित है. 


भोजन सामग्री जैसे दूध, दही, घी इत्यादि में कुश रख देना चाहिए. ग्रहण मोक्ष के बाद पीने का पानी ताजा ले लेना चाहिए. ग्रहण अवधि में श्राद्ध  दान जप मंत्र सिद्धि इत्यादि का शास्त्रोक्त विधान है. ग्रहण जहां से दिखाई देता है, सुतक भी वही लगता है एवं धर्म शास्त्रीय मान्यताएं भी वही लागू होती है तथा उसका फलाफल भी वही लागू होगा.