Raksha Bandhan 2023: अब तक अन्‍य देश जो करने को सोच रहे थे, भारत ने वह कर दिखाया है. चांद पर चंद्रयान 3 के पहुंचते ही भारत ने इतिहास रच दिया. जब चांद पर हिंदुस्तान है तो इसकी झलक आने वाले तीज त्योहारों में दिखना भी लाजमी है. ऐसे में सिक्की कला से बनी चंद्रयान राखी भी पटना के बाजारों में दिख रही है. सिक्की आर्ट से बनी बुलडोजर राखी भी इस रक्षाबंधन के त्योहार पर भाइयों की कलाइयों पर सजेगी तो और हरी पत्ती राखी पर्यावरण संतुलन बनाए रखने का संदेश सभी को देगी.


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इन राखियों को तैयार करने वाली पारंपरिक सिक्की आर्टिस्ट विजेता बताती हैं कि एक कलाकार के नाते समाज, देश, प्रदेश में चल रही समसामयिक विषयों पर नजर रहती है. ऐसे में जब उत्तर प्रदेश में बुलडोजर की चर्चा हुई और अब चंद्रयान 3 ने तो इतिहास ही रच दिया. ऐसे में इसी थीम पर राखी बनाने के सोची और अब ये राखियां बाजार में उपलब्ध हैं.


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उन्होंने कहा कि इसी आर्ट के जरिए कई डिजाइनर राखी हर साल बनाती हैं. लेकिन, इस बार सबसे खास चंद्रयान राखी है. इसका कांसेप्ट ' चंदा मामा अब दूर के नहीं रहे' पर आधारित है. चंद्रयान-3 के मॉडल जैसी बनी राखी में चंद्रयान-3 के लैंडर जैसा चंदा मामा राखी है, जिसे कलाई में बांधा जाएगा. उन्होंने कहा कि इसे प्रर्दशनी के रूप में घर में सजा कर भी रखा जा सकता है. चंद्रायन-3 के सफल लैंडिंग के बाद मैंने इस मॉडल पर आधारित राखी बनाया. इसको बनाने में दो दिन का समय लगा. चांद वाली राखी की कीमत 35 रुपये है, लेकिन चंद्रयान लैंडर के मॉडल के साथ इसकी कीमत 1,200 रुपये है.


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उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान से सिक्की कला में निपुण हो चुकी विजेता सिक्की कला से हरे पत्ते की राखी भी बनाई हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए एक टीम है. उन्होंने बताया कि सूखी सिक्की गांव से मंगवाती हैं और फिर उसे तैयार कर इसमें आकर्षक रंगों से सजाती हैं. उन्होंने हालांकि बताया कि जितनी मेहनत है उतना मूल्य कलाकारों को नहीं मिल पाता है.


इनपुट-आईएएनएस