छपरा मेयर राखी गुप्ता की सदस्यता रद्द, 3 बच्चे के मामले में राज्य चुनाव आयोग ने सुनाया फैसला
आखिरकार छपरा नगर निगम की मेयर राखी गुप्ता की सदस्यता चुनाव आयोग द्वारा रद्द कर ही दिया गया. लंबी सुनवाई के बाद आज चुनाव आयोग ने छपरा मेयर राखी गुप्ता के खिलाफ आदेश सुना दिया. राखी गुप्ता द्वारा नामांकन के वक्त दिए गए हलफनामे में गलत जानकरी पर यह फैसला आया है.
छपरा: आखिरकार छपरा नगर निगम की मेयर राखी गुप्ता की सदस्यता चुनाव आयोग द्वारा रद्द कर ही दिया गया. लंबी सुनवाई के बाद आज चुनाव आयोग ने छपरा मेयर राखी गुप्ता के खिलाफ आदेश सुना दिया. राखी गुप्ता द्वारा नामांकन के वक्त दिए गए हलफनामे में गलत जानकरी पर यह फैसला आया है. हलफनामे के अनुसार मेयर राखी गुप्ता ने अपने दो जीवित संतान का जिक्र किया था जबकि अन्य दस्तावेज से मिली जानकारी के अनुसार राखी गुप्ता को तीन बच्चे होने की जानकारी प्राप्त हुई.
रजिस्ट्री ऑफिस से मिले कागजात के अनुसार राखी गुप्ता को तीन जीवित संतान है. जिसमें दो पुत्री और एक पुत्र है. जिसको लेकर पूर्व मेयर सुनीता गुप्ता ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए सदस्यता रद्द करते हुए आयोग्य करार देने की मांग की थी. जिसके बाद पांच महीनों तक लगातार सुनवाई चली. 5 जून बुधवार को चुनाव आयोग द्वारा अंतिम तारीख पर पेशी के दौरान दोनों पक्ष को सुनते हुए फ़ैसला सुरक्षित रख लिया गया था. जिसके बाद आज चुनाव आयोग द्वारा मेयर राखी गुप्ता को आयोग्य करार कर दिया गया.
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मिली जानकारी के अनुसार मेयर ने हलफनामे में दो बच्चियों के जिक्र किया था. लेकिन, छपरा रजिस्ट्री कचहरी से मिले कागजात के अनुसार राखी गुप्ता को तीन बच्चे हैं जिसमें उन्होंने एक बच्चे को अपने निःसंतान रिश्तेदार को लिखित रूप से भेंट कर दिया है. लेकिन, नगर निगम नियम के तहत दो या दो से अधिक बच्चे के माता पिता को चुनाव लड़ने से सरकार द्वरा वंचित कर दिया गया है.
यह है मामला...
पूर्व मेयर सुनीता देवी ने वर्तमान मेयर राखी गुप्ता पर तीन बच्चा होने का आरोप लगाया था. आरोप में कहा गया था कि मेयर राखी गुप्ता के तीन संतान होने के बावजूद उन्होंने अपने शपथ पत्र और नामांकन फॉर्म में गलत जानकारी दी है. राखी गुप्ता के तीन संतान श्रीयांशी प्रकाश (14 वर्ष), शिवांशी प्रकाश (9 वर्ष) और श्रीश प्रकाश (6 वर्ष) हैं. आरोप है कि 2008 के बाद उन्हें ये तीन संतानें हुई हैं, लेकिन अपने नामांकन में उन्होंने सिर्फ दो के बारे में ही जानकारी दी.
वहीं, आरोप को लेकर मेयर राखी गुप्ता का कहना है कि उनके पति वरुण प्रकाश के मौसा ठाकुर प्रसाद और मौसी उर्मिला शर्मा निःसंतान हैं. दोनों की अधिक उम्र होने के कारण संतान होने की संभावना भी नहीं है. ऐसे में उन्होंने पति की रजामंदी के बाद अपने तीसरे संतान श्रीश प्रकाश (6 वर्ष) को गोद देने का फैसला लिया. इसलिए वह अपने ऊपर लग रहे आरोप को निराधार बता रही हैं.
इसको लेकर तत्कालीन निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी को शिकायत भी किया गया था, लेकिन, पुख्ता प्रमाण नहीं होने से कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. मेयर राखी गुप्ता के चुनाव जीतने के कुछ दिन बाद एक बच्चे को अपने रिश्तेदार को गोद दिए जाने का निबंधन पत्र वायरल होने लगा. इसमें साफ जिक्र किया गया है कि राखी गुप्ता को पूर्व से दो बच्चियां हैं और तीसरे बच्चा होने के बाद वह अपने रिश्तेदार को गोद दे रही हैं. इसको लेकर पूर्व मेयर सुनीता देवी ने चुनाव आयोग में शिकायत किया. इसके बाद चुनाव आयोग द्वारा सारे कागजात को स्थानीय जिलाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी से सत्यापित करवाया गया. इसमें दोनों पदाधिकारी द्वारा चुनाव आयोग को रिपोर्ट सौंप दिया गया.
यह है नियम
चुनाव आयोग ने नगर निकाय चुनाव के लिए दो बच्चों का नियम जारी करते हुए निर्देश दिया था. बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 18 (1) (ड) के अनुसार 4 अप्रैल 2008 के बाद से तीसरे संतान का जन्म होने वाले उम्मीदवार चुनाव के लिए अयोग्य होंगे. तीन संतान से जुड़ी नोटिस पर मेयर राखी गुप्ता ने बताया कि हम चुनाव आयोग और न्यायालय का सम्मान करते हैं. यह एक रूटिंग नोटिस है, जो प्रत्येक कुछ समय पर चुनाव आयोग से भेजा जाता है. नोटिस का जवाब दिया गया है. तीन संतान के आरोप पर मेरे वकील की तरफ से जवाब भेज दिया गया है.
Report- Rakesh