Patna: आपराधिक घटनाओं के नियंत्रण को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग हुई. पुलिस अधिकारियों को सीएम नीतीश कुमार ने मीटिंग के दौरान कई दिशा निर्देश भी दिए हैं.


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इसमें क्राइम कंट्रोल को लेकर कई बातें सामने आईं जिसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा कि अपराध नियंत्रण को लेकर कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.


खासतौर पर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की कमी को लेकर कोई लापरवाही नहीं चलेगी. सीएम ने वरीय अधिकारियों को आदेश दिया है कि सभी थानों में महिला पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाए ताकि महिलाएं बेझिझक अपनी शिकायत दर्ज करा सकें.


महिला सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता 


बढ़ती आपराधिक घटनाओं के मद्देनजर सीएम नीतीश कुमार ने अपने आवास एक अणे मार्ग में हाई लेवल मीटिंग करते अपराधि नियंत्रण को लेकर अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिया . खासतौर पर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को लेकर सीएम बेहद गंभीर हैं और उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया है कि अपराध को लेकर नो कॉम्प्रोमाइज,खासतौर पर महिलाओं से होने वाले अपराध पर कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसके लिए सीएम ने आदेश जारी करते हुए कहा कि राज्य के सभी थानों में महिला पदाधिकारी या महिला पुलिस की निश्चित तौर पर नियुक्ति हो ताकि महिलाएं अपने खिलाफ होने वाले अपराध या अत्याचार की शिकायत पूरे आत्मविश्वास के साथ कर सकें.  


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महिलाओं ने की सीएम के फैसले की तारीफ 


सीएम के इस पहल की तारीफ आम महिला से लेकर समाजसेवी महिला तक कर रही हैं. एक निजी बैंक में काम करने वाली अपर्णा नाम की लड़की ने भी सीएम नीतीश कुमार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि समस्याओं के होते हुए भी महिलाएं थाना इसलिए नहीं जाती हैं क्योंकि पुरुष पुलिसकर्मियों से अपनी शिकायत दर्ज कराने में थोड़ी झिझक महसूस होती है साथ ही समस्याओं का निराकरण भी उतने बेहतर तरीके से नहीं हो पाता है. अपर्णा ने अपने साथ होने वाली मोबाइल चोरी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उसका मोबाइल चोरी हो गया था जिसके बाद वो थाना में शिकायत करने पहुंची लेकिन थाना में महिला पुलिस के नहीं होने की वजह से उसे झिझक महसूस हुई और वो बिना शिकायत दर्ज कराए ही वापस आ गई.


शारीरिक शोषण की शिकायत ने में होती है झिझक


वहीं महिला संगठन चलाने वाली सुनीता का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार का ये फैसला महिलाओं को एक शक्ति प्रदान करेगा,इस फैसले से महिलाओं का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा क्योंकि किसी भी थाने में पुरुष पुलिसकर्मियों की तादाद ज्यादा होती है. कई बार महिलाएं ऐसी समस्या से दो-चार होती हैं जिसकी शिकायत वो पुरुष पुलिसकर्मी से करने में परहेज करती हैं लिहाजा अपराधी का हौसला और बढ़ जाता है.
 
सुनीता ने कहा कि कई अपराध जैसे पति से अनबन या फिर छेडखानी या शारीरिक शोषण की बातों को महिलाएं पुरूषों से कहने में झिझक महसूस करती हैं लिहाजा कई बार शर्म की वजह से वो शिकायत ना करना ही ज्यादा बेहतर समझती हैं. लेकिन महिला पुलिसकर्मियों से वो अपनी बात बेहतर और सशक्त तरीके से रख सकती हैं जिसका परिणाम होगा की शिकायतों का निपटारा बेहतर तरीके से हो सकेगा.


साथ ही समाजसेवी महिला ने महिला पुलिसकर्मियों से भी अपील करते हुए कहा कि सीएम ने महिला पुलिसकर्मियों को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है लिहाजा वो भी अपने काम को पूरी ईमानदारी से पूरा करें.


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सीएम के फैसले से महिलाओं को मिलेगा भरोसा


सीएम नीतीश कुमार के फैसले का स्वागत करते हुए महिला वकील आनंदी सिंह ने कहा कि ज्यादातर केसों में महिलाएं झिझक की वजह से अपने खिलाफ होने वाले अपराधों की सूचना थाने में दर्ज नहीं कराती हैं जिसका फायदा आरोपी उठाते हैं....खासतौर पर पॉक्सो एक्ट के तहत जो मामले दर्ज होते हैं उसे कोई महिला अधिकारी प्रावधानों के अनुसार दर्ज कर सकती है.....सीएम के इस फैसले से महिलाओं को हिम्मत मिलेगी और वो अपने खिलाफ होने वाले किसी भी अपराध के खिलाफ मुंहतोड़ जवाब दे सकेंगी.