जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है: नीतीश कुमार
Bihar Samachar: महिलाओं के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई गई हैं. बच्चियों की पढ़ाई, नौकरी, प्रषिक्षण के कई प्रावधान किए गए हैं.
Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने आज 1 अणे मार्ग स्थित संवाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) की समीक्षा बैठक की. समीक्षा में समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद ने विभाग के अन्तर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यों की विस्तृत जानकारी दी.
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मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, मुख्यमंत्री सामाजिक सहायता एवं प्रोत्साहन छत्र योजना, मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सषक्तिकरण छत्र योजना, समेकित बाल विकास छत्र योजना, समेकित बाल संरक्षण छत्र योजना, मुख्यमंत्री वृहद सहायता छत्र योजना, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण छत्र योजना, वृहद आश्रय गृह योजना आदि के प्रगति कार्य के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी गई. महिला विकास निगम की प्रबंध निदेषक हरजोत कौर ने महिलाओं के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गई.
बच्चियों की पढ़ाई, नौकरी, प्रशिक्षण के प्रावधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'महिलाओं के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई गई हैं. बच्चियों की पढ़ाई, नौकरी, प्रषिक्षण के कई प्रावधान किए गए हैं. ताकि अधिक से अधिक बच्चियां पढ़ाई के लिए प्रेरित हो सकें. इसके लिए साइकिल योजना एवं पोशाक योजना चलायी गई है.'
महिलाओं को साक्षर करने के लिए योजना चलायी गई. 2011 में जनगणना रिपोर्ट में महिलाओं को साक्षर करने की तारीफ की गई. पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया. मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में लड़कियों को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया जा रहा है.
सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया. आज राज्य में बड़ी संख्या में महिलाएं पुलिस बल में कार्य कर रही हैं. सभी थानों में महिला पुलिस के लिए सुविधायें उपलब्ध कराई गई हैं. साथ ही, अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं को प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी कई कदम उठाये गए है.
बिहार की जीविका को केंद्र ने एडाप्ट किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि '2006 में स्वयं सहायता समूह 'जीविका' की शुरूआत की गई थी. इसे उस समय की केन्द्र सरकार ने 'आजीविका' नाम से इसे एडाप्ट किया. आज राज्य में 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है. जीविका समूह को कई प्रकार के कार्य की जिम्मेवारी दी गयी है. महिलाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने में जीविका महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.'
वहीं, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए राज्य सरकार द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. 2018 में बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ मानव श्रृंखला बनाई गई. हर गांव, हर शहर एवं हर मौहल्लें में जीविका सहित अन्य संगठनों के सहयोग से इस पर चर्चा करें. वहीं, लोगों को बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के दुष्परिणामों से अवगत कराए.
लड़कियां अगर शिक्षित होंगी तो राज्य का प्रजनन दर नियंत्रित
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'एक सर्वे में जानकारी मिली कि पति-पत्नी में अगर पत्नी मैट्रिक पास है तो देश एवं बिहार का प्रजनन दर 2 है. पति-पत्नी में अगर पत्नी इंटर पास है तो देश का प्रजनन 1.7 है. वहीं, बिहार का 1.6 है. इससे यूरेका की भावना आई है कि लड़कियां अगर शिक्षित होंगी तो राज्य का प्रजनन दर नियंत्रित किया जा सकेगा. प्रत्येक पंचायत में प्लस टू तक की पढ़ाई की शुरूआत की जा रही है.'
उन्होंने कहा कि 'जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है. बिहार का जन्म दर पहले 4 था, जो अब घटकर 3.2 हो गया है. महिला विकास निगम के कार्यक्रम में महिलाओं की मांग पर शराबबंदी लागू करने की बात कही थी और सरकार में आने के बाद उसे लागू किया गया.'
योजनाओं की प्रगति की लगातार निगरानी करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'वृहत आश्रय गृह योजनान्तर्गत 12 जिलों में बनाए जाने वाले भवनों का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करें. यहां आंगनबाड़ी केन्द्र का अपना भवन नहीं है, वहां भवन का निर्माण शीघ्र कराए. सभी चलाई जा रही योजनाओं की प्रगति की लगातार निगरानी करें. महिलाओं, बच्चों, वृद्धों, निराश्रितों के हित में पूरी प्रतिबद्धता के साथ योजनाओं को क्रियान्वित करें.'
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कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में जोर से नामांकन कराए
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'वैसे बच्चे-बच्चियों जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई. इनमें कम से कम एक की मृत्यु कोरोना से हुई हो, उनको बाल-विकास सहायता योजनान्र्गत राज्य सरकार द्वारा 18 वर्ष होने तक 1,500 रुपए प्रतिमाह दिए जाए. इन अनाथ बच्चों के अभिभावक नहीं हैं, उनकी देख-रेख बाल गृह में हो. ऐसे अनाथ बच्चियों का कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में प्राथमिकता के आधार पर नामांकन कराए.'