पटना: दिल्ली की एक अदालत ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के कथित करीबी सहयोगी अमित कात्याल की अंतरिम जमानत 22 मार्च तक बढ़ा दी. आरोपपत्र में कुछ कंपनियों के साथ कात्याल का नाम भी लिया गया है. एके इंफोसिस्टम्स के प्रमोटर, कात्याल को पिछले साल नवंबर में केंद्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया था और 5 मार्च को उन्‍हें चिकित्सा आधार पर सात दिन की अंतरिम जमानत दी गई थी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष आदेश को चुनौती दी है.


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कात्याल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा कि ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत कुछ निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की कथित "स्वतंत्र राय" और बयान दर्ज करने में अनुचित और अवैध प्रक्रिया का पालन किया है. ईडी के विशेष वकील जोहेब हुसैन वर्चुअल तौर पर पेश हुए. उन्‍होंने कहा कि धारा 50 के तहत स्वतंत्र जानकारी और बयानों के जरिए केवल आरोपी की चिकित्सा स्थिति को सामने लाने का प्रयास किया गया था. राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विकास गोग्ने ने कहा कि जब अदालत द्वारा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है, तो डॉक्टरों से राय लेने के लिए ईडी द्वारा एक अजीब और अनोखी प्रक्रिया का पालन किया गया है.


न्यायाधीश ने कहा, "यह उचित है कि ईडी द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली के संबंध में गुणों के साथ-साथ आज उठाए गए विवादों की बेहतर सराहना के लिए आरोपी द्वारा उत्तर में एक औपचारिक प्रत्युत्तर दायर किया जाए." न्यायाधीश ने मामले की अगली सुनवाई 22 मार्च को होनी तय की है और कात्याल की अंतरिम जमानत को उस तारीख तक बढ़ा दी है. न्यायाधीश ने आरोपी को 2 लाख रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही राशि की दो जमानतें भरने को भी कहा था. इस बीच, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की ओर से कात्याल पर उम्मीदवारों से जमीन हासिल करने का आरोप लगाया गया है.


इनपुट- आईएएनएस


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