Curd Eating Tips: जानें आयुर्वेद के अनुसार दही खाने का सही तरीका, भूलकर भी रात को न करें सेवन
Curd Eating Tips: दही सेहत के लिए काफी अच्छा होता है. बहुत से लोग दही को गलत ढंग से खाते हैं और इस प्रकार उन्हें लाभ की बजाए नुकसान पहुंचाने लगता है. बहुत से लोग यह मानते हैं कि दही प्रकृति में ठंडी होती है लेकिन आयुर्वेद के मुताबिक दही की प्रकृति गर्म होती है.
पटनाः Curd Eating Tips: दही सेहत के लिए काफी अच्छा होता है. बहुत से लोग दही को गलत ढंग से खाते हैं और इस प्रकार उन्हें लाभ की बजाए नुकसान पहुंचाने लगता है. बहुत से लोग यह मानते हैं कि दही प्रकृति में ठंडी होती है और इसलिए इसे गर्मियों में ही खाना चाहिए, लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है. दरअसल, आयुर्वेद के मुताबिक दही की प्रकृति गर्म होती है. यह वजन बढ़ाने में मदद करती है और इसे रोजाना नहीं खाना चाहिए. क्योंकि इसे पचाने में काफी मेहनत लगती है और यह काफी हैवी होती है.
दही क्यों है फायदेमंद?
न्यूट्रिशनिस्ट व डाइटिशियन के मुताबिक, दही हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होती है. दही में बहुत सारे लाभकारी बैक्टीरिया पाए जाते हैं. जो शरीर की पाचन शक्ति को बेहतर बनाए रखते हैं. दही में बहुत सारे पोषक तत्व, लैक्टिक एसिड, विटामिन बी-12 व बी-6, आयरन, राइबोफ्लेविन, कैल्शियम आदि होते हैं. जो हमारे शरीर को तंदुरुस्त बनाए रखने में मदद करते हैं.
दही से जुड़े कुछ आयुर्वेदिक फैक्ट -
- दही को गर्म करके नहीं खाना चाहिए क्योंकि गर्म करने से इसमें मौजूद गुण खत्म हो जाते हैं.
-जिन लोगों को मोटापा, ब्लीडिंग डिसऑर्डर और इन्फ्लेमेटरी स्थितियां हैं उनको दही का सेवन नहीं करना चाहिए.
- दही को कभी भी रात में नहीं खाना चाहिए.
- दही को रोजाना न खाएं. इसकी बजाए छाछ का सेवन जिसमें, नमक, जीरे जैसे कई तरह के मसाले मिले होते हैं मिलाकर पी सकते हैं.
- दही को फलों के साथ मिक्स करके न खाएं नहीं तो मेटाबोलिक समस्याएं और एलर्जी जैसी समस्या देखने को मिल सकती है.
- मछली और मीट के साथ भी दही को न खाएं.
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