Cyclone Remal Update: बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवात रेमल पश्चिम बंगाल के तट से टकरा चुका है. चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ की वजह से 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं ने बंगाल के तटीय इलाकों में जमकर तबाही मचाई है. दक्षिण 24 परगना के पसुंदरबन में चक्रवात 'रेमल' के टकराने के बाद कई पेड़ उखड़ गए. मूसलाधार बारिश के कारण घरों और खेतों में पानी भर गया. इस तूफान ने कोलकाता और दक्षिण बंगाल की हवाई, रेल और सड़क परिवहन को बाधित कर दिया है. पूर्वी और दक्षिणपूर्वी रेलवे ने कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. बंगाल में तबाही मचाने के बाद ये तूफान अब झारखंड की ओर बड़ी तेजी से बढ़ रहा है. इसके चलते मौसम विभाग ने झारखंड में अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के अनुसार, ‘रेमल’ का असर झारखंड के उन इलाकों में दिखेगा, जो पश्चिम बंगाल से सटे हैं.


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मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक, रविवार (26 मई) से ही कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम, प सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां जिलों के अलावा राजधानी रांची, उससे सटे खूंटी, रामगढ़, बोकारो और धनबाद में कहीं-कहीं 40 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. आज (27 मई) पूरे राज्य में अच्छी खासी बारिश दर्ज की जा सकती है. बारिश के साथ-साथ वज्रपात की भी आशंका है, जिसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है. लोगों को इस दौरान काफी सचेत रहने की जरूरत है. बाहर गाड़ी चला रहे हो तो पेड़ के नीचे या फिर खंभे के नीचे न खड़े रहें. कोई सुरक्षित स्थान की शरण लें. वहीं, अधिकतम तापमान में भी दो से तीन डिग्री की गिरावट संभव है.


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पश्चिम बंगाल में रेमल की वजह से दक्षिण 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों में बिजली के खंभों और पेड़ों को व्यापक नुकसान हुआ है. कोलकाता के निचले इलाकों में भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई. बंगाल में एक लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. रेमल का असर बांग्लादेश में भी देखने को मिल रहा है. यहां से 8 लाख लोगों को शिफ्ट किया गया है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राजभवन के रैपिड एक्शन फोर्स के साथ चक्रवात 'रेमल' से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और हालात का जायजा लिया.