पटना:Dengue in Bihar: बिहार की राजधानी पटना समेत राज्य के कई जिलों में डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर दिन डेंगू के मामले में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. बिहार के सभी बड़े अस्पतालों के बेड डेंगू के मरीजों से फूल हो गए हैं. मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच से दवा भी खत्म हो गई है. डेंगू का प्रकोप बढ़ने के साथ ही सरकारी के साथ साथ प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों की भीड़ है. इस बीच जिला स्वास्थ्य कार्यालय के पास उपलब्ध आंकड़ों में इस बात का खुलासा हुआ है कि पटना के ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी इलाके डेंगू बीमारी से ज्यादा प्रभावित हैं. 


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गांव से ज्यादा शहरों में बना आफत
जिले के शहरी क्षेत्रों से अब तक 3,013 जबकि ग्रामीण क्षेत्रों से सिर्फ 202 डेंगू पॉजिटिव मरीज मिले हैं. इसके अलावा शेष 96 डेंगू रोगियों के स्थान बारे में अभी तक पता नहीं हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक शहरी इलाकों से सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं क्योंकि भीड़भाड़ वाले इलाकों में डेंगू का प्रसार ज्यादा होता है. डॉक्टरों का कहना है कि 'शहर में डेंगू संक्रमण के 90% से अधिक और ग्रामीण क्षेत्रों में सिर्फ 10% मामलों का पता चला है. इतना बड़ा अंतर शहर के जीवनशैली के कारण है जहां मच्छरों को पनपने के लिए ज्यादा माहौल मिल रहा है. कूलर, एयर कंडीशनर, फ्लावर पॉट्स, नालियों और गड्ढों में एडीज इजिप्टी मच्छर या डेंगू के लार्वा ठहरे हुए पानी में पनपते हैं. वहीं शहर की आबादी भी ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक है. जिसके चलते उचित स्वच्छता सुविधाओं के अभाव में और भीड़भाड़ वाले इलाके में डेंगू संक्रमण का तेजी से फैलने का प्रमुख कारण हैं.


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अजीमाबाद सर्कल में 35 फीसदी से ज्यादा मामले
बता दें कि राज्य की पटना में पटना नगर निगम के अजीमाबाद सर्कल में करीब 35 फीसदी से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. अब तक अजीमाबाद में 1096, कंकड़बाग में 425, बांकीपुर में 890,  पाटलिपुत्र में 271, नई राजधानी में 142 और पीएमसी के पटना सिटी सर्कल में 189 मामले सामने आए हैं.