पटना:Dengue In Patna: पटना में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. राजधानी में डेंज 1 व डेंज 3 के डेंगू के ज्यादातर मामले सामने आ रहा हैं. बता दें कि डॉक्टरों के मुताबिक डेंगू के चार सीरोटाइप डेंज 1, डेंज 2, डेंज 3 और डेंज 4 वायरस होते हैं. जिसमें डेंज 1 व 2 सीरोटाइप डेंगू ज्यादा खतरनाक नहीं होते हैं. आम बोलचाल की भाषा में डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं. इस वायरस की वजह से रोगी के प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं, लेकिन समय रहते इलाज करने से ये तुरंत बढ़ने लगता है. 


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मरीजों में प्लेटलेट्स अचानक से कम 
डेंज 2 और 4 के वायरस काफी गंभीर होते हैं. इस प्रकार के बुखार से मरीज को पहले ब्लीडिंग होता है और बाद में वो शॉक सिंड्रोम में चला जाता है. राजधानी पटना में कोरोना के बाद अब डेंगू ने खतरनाक रूप ले लिया है. इस बार के डेंगू के 50 प्रतिशत मरीजों में प्लेटलेट्स अचानक से कम हो रहे हैं. वहीं इनमें कुछ ऐसे मरीज भी पाए गए हैं जिनका डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव होने के बाद भी प्लेटलेट्स सामान्य पाया गया है. इन सबके बीच चौकाने वाली बात ये है कि कोरोना वायरस की तरह डेंगू भी बार-बार बदल रहे हैं. वहीं डॉक्टरों का कहना है पहले जिन मरीजों को कोविड हुआ था, उन्हें डेंगू होने पर नेगेटिव रिपोर्ट काफी दिनों के बाद आ रही है.


हड्डी तोड़ बुखार से ऐसे करें बचाव
विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू से बचने के लिए मच्छरों से बच कर रहना सबसे आवश्यक है. ऐसे में अपने आसपास मच्छरों को पनपने से रोकने, मच्छर भगाने वाली दवाइयों का इस्तेमाल करें, आस-पास साफ सफाई रखें और सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करे इससे बचाव किया जा सकता है. वहीं दिन में पूरी बाजू के कपड़े पहनकर रखना चाहिए. बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवाई इस्तेमाल ना करें और खासकर इन दिनों में बुखार होने पर तो किसी तरह की कोई दवाई अपने मन से मरीज बिल्कुल भी इस्तेमाल ना करें.


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