पटना : बिहार में डेंगू के तेज प्रसार की वजह से स्थिति बेहद खराब हो गई है. राज्य में डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और इस बीमारी की वजह से 4 लोगों ने दम तोड़ दिया है. ऐसे में डेंगू के बढ़ते प्रभाव को कंट्रोल करने के लिए सरकार एक तरफ लगातार काम करने का दावा कर रही है वहीं भाजपा सरकार की तैयारियों पर लगातार सवाल उठा रही है. ऐसे में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सुपर सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव की प्रशासनिक लापरवाही के कारण राज्य में 7 हजार से ज्यादा मरीजों के साथ डेंगू का रिकॉर्ड टूटा. इनमें से 4 मरीज दम तोड़ चुके है. दर्जन भर जिले डेंगू की चपेट में आ गए.


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सुशील मोदी ने कहा कि डेंगू मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ कर नीतीश कुमार पीएम बनने के सपने के पीछे भाग रहे हैं और तेजस्वी यादव भ्रष्टाचार से जुड़े मुकदमों में जमानत बचाने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव स्वास्थ्य और नगर विकास, दोनों विभाग के मंत्री हैं, जबकि इन दोनों विभागों की लापरवाही डेंगू के रूप में जनता को झेलनी पड़ रही है.




सुशील मोदी ने कहा कि डेंगू मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए एनडीए सरकार के समय जो एफरसिस मशीनें खरीदी गई थीं, वे पीएमसीएच सहित कई मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में धूल फांक रही हैं. एनएमसीएच में यह मशीन है ही नहीं. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने केवल प्रचार पाने के लिए पीएमसीएच और एनएमसीएच का औचक निरीक्षण किया, लेकिन हालत नहीं सुधरी. निगेटिव ब्लड ग्रुप के प्लेटलेट्स उपलब्ध नहीं हैं. डेंगू मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजा जा रहा है. डेंगू वार्ड की खिड़कियां खुली पड़ी हैं.




सुशील मोदी ने कहा कि डेंगू की स्थिति का आकलन करने आयी केंद्रीय टीम ने कुछ अस्पताल परिसरों में ही लार्वा पलते पाया. उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग ने डेंगू की रोकथाम के लिए न पहले से जागरूकता अभियान चलाया, न डामेस्टिक ब्रीडिंग चेकर मशीन से घरों में मच्छर पलने की जांच करायी गई. फागिंग भी देर से और केवल वीआइपी इलाकों में की गई. मोदी ने आगे कहा कि महागठबंधन सरकार डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी से निपटने पूरी तरह विफल है.


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