पटना : एक तरफ देश भर में कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट की चर्चा की वजह से लोग दहशत में हैं. केंद्र और राज्य सरकारों ने इस पूरे मामले पर अपनी नजर बनाए रखी है.  लोगों को कोरोना की एक और वेब को लेकर लोगों में डर का माहौल है. वहीं दूसरी तरफ बिहार में कड़ाके की ठंड की वजह से कई लोगों की जान जा चुकी है और अभी लोगों को इस कंपकंपाती ठंड से निजात मिलते की उम्मीद भी कम है. 


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इस सब के बीच बिहार में मासूम एक अलग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. जो इन मासूमों की जान ले रहा है. इसके बाद से लोगों में डर का माहौल है. बिहार के भोजपुर जिले के दलित टोला में एक अज्ञात बीमारी की चपेट में मासूम बच्चे आ रहे हैं. बता दें कि दो साल तक के बच्चों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है. इसकी चपेट में चरपोखरी प्रखंड के नगरी गांव के 11 से ज्यादा बच्चे आ गए हैं. 


मासूमों में तेजी से फैल रहे इस अज्ञात बीमारी ने अब तक 2 बच्चों की जान ले ली है. वहीं 9 बच्चों का अभी भी इलाज जारी है. हर बच्चा 2 साल तक का ही है. इन बच्चों का इलाज कर रहे डॉक्टर इसे खसरा बता रहे हैं. फिर भी डॉक्टरों की टीम इस बीमारी के लक्षेण के आधार पर जांच करने में लगी है कि आखिर ये कौन सी बीमारी है जिसकी चपेट में यहां के बच्चे आ रहे हैं. 


बता दें कि चरपोखरी प्रखंड के नगरी गांव के बच्चों में फैली इस अज्ञात बीमारी की सूचना के बाद एक डॉक्टरों की टीम यहां पहुंची है और कैंप लगाकर इन बच्चों के इलाज में जुट गई है. यहां कैंप कर रहे डॉक्टर इसे मीजल्स आउटब्रेक नाम की बीमारी बता रहे हैं जिसे आम भाषा में बड़ी माता या छोटी माता कहते हैं. 
 
डॉक्टरों की मानें तो इलाके के लोगों ने जागरूकता के अभाव में दो बच्चों का इलाज कराने के बजाए झाड़फूंक कराना शुरू किया जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई. अब इलाके के सभी घरों में डॉक्टरों की टीम जा जाकर बच्चों का इलाज कर रही है. इसके साथ ही आरा सदर अस्पताल में ऐसे बच्चों के इलाज के लिए 8 बेड रिजर्व कर दी गई है. जहां एक बच्चे का इलाज भी चल रहा है. 


डॉक्टरों की मानें तो इस टोले में बच्चों को खसरा का टीका नहीं लगा था जिसकी वजह से वह इस बीमारी की चपेट में आ गए थे. इसके बाद यह बीमारी अन्य बच्चों में फैली.  


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