पटनाः Maa Lakshmi Puja:दिवाली आ गई है. तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं. अब केवल दिवाली के दीप पर्व को मनाना बाकी रह गया है. धनतेरस के मौके पर दिवाली की लक्ष्मी पूजा से संबंधित वस्तुओं की खरीदारी की जाती है. इस दौरान मां लक्ष्मी से संबंधित चीजों की खरीदारी करने से सौभाग्य आता है. पूजा में इन चीजों का जरूर इस्तेमाल करें.


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लक्ष्मी जी के चरण चिह्न 
मां लक्ष्मी सुख-समृद्धि, धन-दौलत और ऐश्वर्य प्रदान करने वाली देवी हैं. मां लक्ष्मी के प्रसन्न होने पर व्यक्ति धनवान और समृद्धिशाली हो जाता है और जीवन से धन की कमी हमेशा के लिए दूर हो जाती है. मां लक्ष्मी की पूजा में उनके चरण चिन्ह की पूजा होती है. ऐसे में दिवाली पर देवी लक्ष्मी की पूजा में सोने-चांदी या धातु से बने चरण चिन्ह जरूर रखना चाहिए. अगर सोने-चांदी से बने चरण चिन्ह न रख सकें तो कागज पर बने चरण चिन्ह की जरूर पूजा करनी चाहिए.


दक्षिणावर्ती शंख 
मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा में शंख का विशेष महत्व होता है. बिना शंख के माता लक्ष्मी की पूजा अधूरी मानी जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिवाली पर माता लक्ष्मी की पूजा में दक्षिणवर्ती शंख की पूजा से सुख-समृद्धि आती है. माता लक्ष्मी और दक्षिणवर्ती शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी इस कारण से दक्षिणावर्ती शंख को लक्ष्मी जी का भाई माना जाता है. ऐसे में दिवाली पर लक्ष्मी पूजा में दक्षिणावर्ती शंख भी जरूर रखें.


श्रीयंत्र: मां लक्ष्मी की पूजा-आराधना श्रीयंत्र के बिना अधूरी होती है. इसलिए दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा में श्रीयंत्र को जरूर शामिल करें.


खीर: दिवाली पर मां लक्ष्मी को भोग में खीर भी शामिल करें. खीर मां लक्ष्मी का प्रिय भोजन है. ऐसे में दिवाली पर मिठाई के अलावा घर पर मेवे से बनी खीर जरूर चढ़ाएं.


वंदनवार: दिवाली पर मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के मुख्य द्वार पर आम,पीपल और अशोक के नए कोमल पत्तों की माला पिरोकर वंदनवार लगाएं. मुख्यद्वार पर वंदनवार लगाने से मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न होती हैं. वंदनवार सौभाग्य का प्रतीक है और प्रवेश द्वार पर वंदनवार का होना घर में खुशियां लाता है.