पटनाः Deepawali 2022: सनातन परंपरा में दिवाली हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है. दीपावली को दीप उत्सव कहते हैं, क्योंकि इसमें दीप मालिकाएं सजाई जाती हैं. दीपावली का मतलब होता है दीपों की अवली यानि पंक्ति. दिवाली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है. हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध, जैन और सिख धर्म के अनुयायी भी दिवाली मनाते हैं. 


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मां लक्ष्मी गणेश की पूजा 
जैन धर्म में दिवाली को भगवान महावीर के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है. वहीं सिख समुदाय में इसे बंदी छोड़ दिवस के तौर पर मनाते हैं. इस दिन शुभ मुहूर्त में धन की देवी मां लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है. मान्यता है कि यदि दिवाली के दिन विधि-विधान से मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाए, तो जीवन में सुख-समृद्धि और धन-दौलत का वास होता है.


पंचांग के अनुसार दीपावली का शुभ मुहूर्त शाम 6:36 से शुरू होगा. इस बार कार्तिक कृष्ण अमावस्या तिथि शाम 05:04 के पश्चात प्रारंभ हो रही है. सोमवार का दिन हस्त नक्षत्र अपरान्ह 03:18 बजे तक पश्चात् चित्रा नक्षत्र रहेगी, जो अत्यंत ही शुभ है. शाम को दीपोत्सव के साथ-साथ ही मां लक्ष्मी, गणेश व कुबेरादि देवताओं की पूजन निष्ठा पूर्वक करना चाहिए. इस दिन लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए पहले से ही घरों को साफ सुथरा करके दीपकों से सजाना चाहिए.


 


दिवाली की पौराणिक कथा
हिंदू धर्म में हर त्यौहार से कई धार्मिक मान्यता और कहानियां जुड़ी हुई हैं. दिवाली को लेकर भी एक  अहम पौराणिक कथा प्रचलित है. कार्तिक अमावस्या के दिन भगवान श्री राम चंद्र जी चौदह वर्ष का वनवास काटकर और लंकापति रावण का विनाश करके अयोध्या लौटे थे. इस दिन भगवान श्री राम चंद्र जी के अयोध्या आगमन की खुशी पर लोगों ने दीप जलाकर उत्सव मनाया था. तभी से दिवाली की शुरुआत हुई.


लक्ष्मी पूजा मुहूर्त -18.54 से 20.16. तक
दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त
सायं काल मुहूर्त (अमृत, चल)-17.29 से 19.18 तक
रात्रि मुहूर्त (लाभ) 22.29 से 24.05 तक