Doormat Vastu Upay: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का प्रवेश द्वार हमारी किस्मत और भाग्य का स्वागत करता है. अगर प्रवेश द्वार वास्तु दोष से मुक्त होता है, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे घर में खुशहाली और आर्थिक समृद्धि आती है. आचार्य मदन मोहन के अनुसार ज्यादातर लोग अपने घर के मुख्य द्वार पर पायदान रखते हैं, जो न केवल सजावट बढ़ाता है बल्कि मिट्टी और गंदगी को भी घर में आने से रोकता है. आचार्य मदन मोहन के अनुसार यह जानना जरूरी है कि पायदान कहां और कैसे रखना चाहिए और इसका रंग और आकार कैसा होना चाहिए.


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पायदान का रंग
आचार्य मदन मोहन बताते है कि घर के प्रवेश द्वार की दिशा के अनुसार पायदान का रंग चुनना चाहिए. अगर आपका मुख्य द्वार पूर्व दिशा में है, जो सूर्य की दिशा मानी जाती है, तो सफेद, पीला या क्रीम रंग का पायदान रखें. पश्चिम दिशा शनि की दिशा होती है, इसलिए यहां नीला, सफेद या हरा रंग का पायदान शुभ माना जाता है. उत्तर दिशा बुध की दिशा मानी जाती है, इसलिए वहां हरा, सफेद, पीला या क्रीम रंग का पायदान रखें. दक्षिण दिशा मंगल की दिशा है तो यहां गुलाबी, लाल, चांदी या हरे रंग का पायदान रखना अच्छा होता है.


पायदान का आकार
पायदान का आकार भी आपके जीवन पर असर डालता है. आयताकार पायदान स्थिरता लाता है और रिश्तों को मजबूत करता है. गोलाकार पायदान प्रेम जीवन और वैवाहिक सुख को बढ़ावा देता है. अंडाकार या आयताकार पायदान धन को आकर्षित करने में मदद करता है.


पायदान का कपड़ा
पायदान का कपड़ा प्राकृतिक होना चाहिए जैसे रेशम, कपास या अन्य प्राकृतिक फाइबर आदि. ये सामग्री घर में सकारात्मक ऊर्जा लाती हैं. ऐक्रेलिक या प्लास्टिक के पायदान को घर में रखने से बचें, क्योंकि ये अग्नि तत्व से जुड़े होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा को कम करते हैं. साथ ही पायदान को समय-समय पर बदलते रहें और इसे साफ रखें ताकि भाग्य और सुख-समृद्धि आपके घर में प्रवेश कर सके. साथ ही वास्तु शास्त्र के इन छोटे-छोटे नियमों का पालन करके आप अपने घर में खुशहाली और सकारात्मकता बनाए रख सकते हैं.


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