फर्टिलाइजर घोटाला: RJD MP एडी सिंह पर कसा शिकंजा, ED ने किया गिरफ्तार
ईडी ने बुधवार देर रात तक सांसद के कई ठिकानों पर छापेमारी की और फिर उन्हें डिफेंस कॉलोनी स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया.
Delhi/Patna: राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद एडी सिंह (RJD MP AD Singh) को ईडी ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है. ईडी ने अमरेंद्र धारी सिंह को गिरफ्तार करने से पहले उनकी तीन जगह जिसमें दिल्ली, हरियाणा और मुंबई शामिल है, वहां पर छापेमारी की.
जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अमरेंद्र धारी सिंह को फर्टिलाइजर घोटाले (Fertiliser Scam) के आरोप में गिरफ्तार किया है. ईडी ने बुधवार देर रात तक सांसद के कई ठिकानों पर छापेमारी की जिसके बाद उन्हें डिफेंस कॉलोनी स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद ईडी सांसद से पूछताछ करने के बाद उन्हें मेडिकल जांच के लिए लेकर गई है.
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इधर,अमरेंद्र धारी सिंह की गिरफ्तारी से आरजेडी में काफी हलचल बढ़ गई है. रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ समय पहले ही सीबीआई ने सांसद के खिलाफ मामला दर्ज किया था उसके बाद ईडी ने उसी केस को आधार बनाते हुए इसकी जांच शुरू की. गौरतलब है कि अमरेंद्र धारी सिंह का कई जगहों पर रियल स्टेट, फर्जिलाइजर और कैमिकल इंपोर्ट का बिजनेस है. आरजेडी ने पिछले साल ही उन्हें राज्यसभा भेजा था.
Ad सिंह की गरफ्तारी के पीछे की कहानी
फर्टिलाइजर खरीद घोटाला के मामले में सीबीआई ने इफको व इंडियन पोटाश लिमिटेड के तत्कालीन एमडी के घर छापेमारी की थी. सीबीआई की टीम दोनों के घर पर कई घंटे तक मौजूद रही. पूछताछ करने के साथ-साथ रुपए और एफडीआर को भी बरामद किया गया. सीबीआई ने
इफको के तत्कालीन एमडी घर से करीब 8.80 लाख रुपए नकद बरामद किए. इसके अलावा इंडियन पोटाश लिमिटेड के तत्कालीन एमडी के घर छापा मारकर 5.50 करोड रुपए की एफडीआर बरामद की गई. इसी कड़ी का जुड़ाव आरजेडी सांसद एडी सिंह से जुड़ता है.
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि इंडियन पोटाश लिमिटेड के तत्कालीन एमडी के घर से 14 बैंक खातों की जानकारी मिली है जिनमें इस घोटाले की राशि को ट्रांसफर कराया गया था. इसके अलावा 19 संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं. उन्होंने यह संपत्तियां गुरुग्राम, मुंबई, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली व सोनीपत में खरीदी हैं.
बता दें कि सामान्य तौर सीबीआई के मामले ईडी को हैंड ओवर किए जाते हैं. यह घोटाला व्यापक है. सीबीआई के अनुसार, इन अधिकारियों के परिजनों का विदेशों में सम्पत्ति बनाने से मामला सामने आया था.