पटनाः बिहार सरकार इन दिनों बिजली चोरी पर नकेल कसती दिख रही है. विभाग ने इसको लेकर कई कदम उठाए गए है. बिजली चोरी की घटनाओं और पुराने बकायेदार विभाग के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरे थे,जिसे दूर किया जा रहा है. राजस्व की भारी क्षति देखी जा रही थी. ऐसे में विभाग की ओर से इस साल बिजली से जुड़े ऐसे मामलों की निगरानी और उसके रोकथाम के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन कर चालू वित्तीय वर्ष के प्रथम तिमाही में एक अभियान चलाया गया. 


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विभाग ने 1243 लोगों के खिलाफ दर्ज की प्राथमिकी शिकायत
विभाग के अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही में जहां विभाग ने बिजली चोरी से जुड़े अलग-अलग लोगों के खिलाफ 1243 प्राथमिकी दर्ज किये थे. यह संख्या वर्तमान वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही में 10357 तक पहुंच गयी है. बीते साल की प्रथम तिमाही की तुलना में विभाग की ओर से अब तक दर्ज किये गए मामलों में आठ गुना से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई है. विभाग की यह कारवाई बिजली को लेकर गड़बड़ी और जालसाजी करने वालों के लिए एक सबक और नसीहत सी है क्योंकि विभाग की ओर से राज्य स्तर पर यह कारवाई जारी रहने वाली है. विभाग की ओर से वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रथम तिमाही मे 3 हजार 15 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली की है.


बिजली चोरी करने वालों से राजस्व विभाग ने वसूले 2052 लाख रुपये 
ऊर्जा विभाग के मंत्री विजेंद्र यादव के निर्देश और बिहार राज्य पॉवर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (बीएसपीएचसीएल) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक संजीव हंस के नेतृत्व में एक रणनीति तैयार की गयी. इसके तहत बिहार के 20 सर्किलों में बिजली चोरी मामले पर दर्ज हुए प्राथमिकी के आधार वृहत आकलन किया गया. बिजली चोरी मामलों में विभिन्न लोगों के खिलाफ दर्ज हुए प्राथमिकी के आधार पर 3437 लाख रुपये की बिजली चोरी का विभागीय आकलन किया गया. इसमें से प्राथमिकी दर्ज कर 2052 लाख रुपये का राजस्व विभाग ने वसूला है.


बिजली चोरी करने वालों और बकायेदारों पर होगी कार्रवाई
बीएसपीएचसीएल के अध्यक्ष सह महाप्रबंधक संजीव हंस ने बिजली चोरी करने वालों और पुराने बकायेदारों के खिलाफ विभागीय निगरानी तेज कर एक बड़ी चुनौती को अवसर में बदल दिया है. हर अभियंता के लिए वार्षिक ऑपरेटिंग प्लान बनाकर उनको बिलिंग, बिजली चोरी के रोकथाम, राजस्व संग्रह और पुराने बकायेदारों से पूर्ण वसूली के अलग- अलग लक्ष्य बनाकर हरेक डिवीज़न कार्यालय को सुपुर्द किया गया है.


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