EWS Reservation: जारी रहेगी EWS आरक्षण की व्यवस्था, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर
EWS Reservation: सुप्रीम कोर्ट ने EWS आरक्षण मामले में आज अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने EWS आरक्षण मामले पर फैसला दिया है. मामले की सुनवाई कर रहे 5 जजों में से 4 जज ने EWS कोटा से आरक्षण के पक्ष में अपना फैसला दिया है.
पटना: EWS Reservation: सुप्रीम कोर्ट ने EWS आरक्षण मामले में आज अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने EWS आरक्षण मामले पर फैसला दिया है. मामले की सुनवाई कर रहे 5 जजों में से 4 जज ने EWS कोटा से आरक्षण के पक्ष में अपना फैसला दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस माहेश्वरी ने कहा कि EWS कोटा से आरक्षण संविधान के खिलाफ नहीं'. ऐसे में अब ये तो साफ हो गया है कि देश में EWS कोटा से आरक्षण अभी जारी रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के निर्णय पर मुहर लगा दी है.
3 जज आरक्षण के पक्ष में
बता दें कि पांच जजों की संविधान पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए आज निर्णय दिया है. तीन न्यायाधीशों ने संविधान के 103वें संशोधन अधिनियम 2019 की वैधता को बरकरार रखते हुए आरक्षण के पक्ष में अपना निर्णय दिया है. वहीं इस मामले में एक न्यायाधीश ने असहमति जतायी है. पांच जजों के इस बेंच के सदस्य न्यायाधीश बेला त्रिवेदी, दिनेश माहेश्वरी और जेबी पारदीवाला ने EWS संशोधन को बरकरार रखा है. दूसरी तरफ मुख्य न्यायाधीश उदय यू ललित और न्यायाधीश रवींद्र भट ने EWS संशोधन पर असहमति व्यक्त की है. जिसके बाद EWS संशोधन को बरकराकर रखने के पक्ष में 3:2 के अनुपात में निर्णय हुआ.
क्या है पूरा मामला?
आर्थिक गरीबी के आधार पर सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जा सकता है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले में फैसला सुनाया गया है. बता दें कि संविधान के 103वें संसोधन के जरिए इस आरक्षण को लाया गया था. साथ ही इस संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में उपबंध 6 को संशोधन एक्ट, 2019 से जोड़ा गया. जिसके बाद इस आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी थी. जिसपर सुनवाई ने आज अपना फैसला सुनाया. जिसके बाद ये तय हो गया कि EWS कोटा से देश में 10 फीसदी आरक्षण लागू रहेगा.