Bihar News: बिहार में अपने काम करने के तरीकों के पुलिस (Bihar Police) लगातार सुधार रही है. साथ ही वह टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने में पीछे नहीं रह रही है. पुलिस (Bihar Police) के लगातार हाईटेक होने से राज्य की कानून व्यवस्था में काफी सुधार देखने को मिल सकता है. इसी क्रम में बिहार पुलिस (Bihar Police) की कार्य व्यवस्था को और भी सुदृढ़ किया जा रहा है, जिसमें आवेदको के ऑनलाइन एफआईआर की प्रक्रिया एक साथ बिहार के 900 थानों में सीसीटीएनएस के जरिए रजिस्टर्ड किया जाएगा.


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इसके तहत क्राइम, क्रीमिनल, ट्रैकिंग सिस्टम और अपराधियों की पूरी कुंडली का आदान प्रदान कम समय में हो सकेगा, जिसकी व्यवस्था भी की जा रही है. एडीजी जितेन्द्र सिंह गंगवार ने कहा कि पुलिस, न्यायालय, प्रॉसिक्यूशन और जेल से संपर्क सीसीटीएनएस से जोड़कर आंकड़ों का आदान प्रदान किया जाए. इस दिशा में कार्य जारी है. 


दरअसल, शातिर अपराधी, कुख्यात वांछित अपराधी दूसरे राज्यों में नाम और पहचान बदलकर रहते है. इनकी पहचान उजागर करने में ये ऑनलाइन व्यवस्था काफी मददगार साबित होगा. न्यायालयों में थानों से समय पर कागजात नहीं प्रस्तुत किए जाने से अपराधी को बेल आसानी से मिल जाता है. इस ऑनलाइन व्यवस्था से इसमें सुधार की उम्मीद है. 


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ऑनलाइन एफआईआर सिस्टम लागू कराने से बिहार के जिलों में अपराध कर अब अपराधी बिहार समेत अन्य राज्यों में भी छिपकर आसानी से नहीं रह पाएंगे. इस व्यवस्था से अन्य राज्यों की पुलिस किसी अपराधी की कुंडली बैठे-बैठे हासिल कर सकती है.


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बता दें कि इससे पहले बिहार में पहली बार बेहतर पुलिसिंग, केस के एनालिसिस और क्राइम के हॉटस्पॉट चिन्हित करने के साथ केस के मॉनिटरिंग के लिए सॉफ्टवेयर एप्प बनाया गया है. इस एप्प का नाम लोकस रखा गया है. भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) भागलपुर और भागलपुर पुलिस के बीच एमओयू साइन हो चुका है. यह सॉफ्टवेयर एप्प भागलपुर पुलिस को 7 सितंबर, 2023 को सौंपा दिया गया है. 


रिपोर्ट: प्रकाश कुमार सिन्हा