पटना : पहले NEET परीक्षा का पेपर लीक हुआ और अब छात्रों का आरोप है कि इसके रिजल्ट में भी स्कैम हुआ है. एक ही सेंटर के 6 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलने पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और कई तरह की अनियमितताओं की बातें सामने आ रही हैं. दूसरी ओर रिजल्ट आने के बाद देश भर में कई बच्चों के आत्महत्या करने की खबरें हैं. यह बहुत दुखद और झकझोरने वाला है. सरकार लाखों छात्रों की आवाज को अनसुना क्यों कर रही है. छात्र-छात्राओं को NEET परीक्षा के परिणाम में धांधली से जुड़े वाजिब सवालों के जवाब चाहिए. क्या सरकार की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वो जांच कराकर इन वाजिब शिकायतों का निस्तारण करे. इस मामले पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया सामने आई है.


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बीजेपी प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा कि नीट परीक्षा के परिणाम से जुड़ी खबरें आई है प्रथम दृष्टि में जो एजेंसी है परीक्षा लेती है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी उसने एक अपनी रिपोर्ट की है उसकी रिपोर्ट के अनुसार कुछ बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. इसके कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है परंतु देश के विभिन्न स्थानों से जब ये बातें आ रही है तो सरकार इन बातों को गंभीरता से ले रही है.  सरकार कोई कसरत नहीं छोड़ेगी इस बात के तह तक जाने के लिए है. 


जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा कहा कि छात्रों के भविष्य से जुड़ी हर एक मामला बहुत संवेदनशील होता है नीट की परीक्षा आयोजित हुई थी. लोग डॉक्टर बनने का सपना इस परीक्षा के माध्यम से पूरा करते हैं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के द्वारा या परीक्षा आयोजित की गई थी. लगातार इसमें गड़बड़ी की खबरें सामने आ रही है. छात्र अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं, निश्चित रूप से हर एक मामले की तहत पीस की जा रही है और कहीं कुछ गड़बड़ी होती है तो समुचित कदम उठाए जाएंगे.


राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि नीट परीक्षा में जिस तरह से धांधली हुई और जिस तरह से परीक्षा के समय पर्चा लिखे हुए या स्पष्ट रूप से प्रमाण मिलता है. कहीं ना कहीं बड़े पैमाने पर लोगों की संलिप्तता है और कहीं ना कहीं इस धांधली को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता आनंद माधव ने कहा कि पेपर लीक का जो मामला है यह क्रॉनिक डिजीज हो गया है खास करके उत्तर प्रदेश और बिहार में भी ऐसी स्थिति में निश्चित रूप से गंभीर कदम उठाना पड़ेगा. यह चिंता बिल्कुल वाजिब है कई छात्र आत्महत्या की ओर बढ़ रहे हैं जो अंक आ रहे हैं वह किस ढंग से आ रहे हैं. इस तरह से जो मेधावी छात्र हैं वह इसमें पीते जा रहे हैं ऐसी स्थिति में इस सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए और कोई निदान निकालना चाहिए. अगर नहीं निकलता है निदान तो गद्दी छोड़ देना चाहिए.


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