देश में बाढ़ से हो रही मौतों की संख्या डराने वाली, बिहार को लेकर रिपोर्ट में अहम खुलासा
अगर प्रतिवर्ष बाढ़ से होने वाली मृत्यु के आंकड़ों को देखेंगे तो पता चलेगा स्थिति अच्छी नहीं है. 2011 से 2015 के बीच कुल 3092 जानें गई थी. वहीं, 2015 से 2020 के बीच मौतों का संख्या 18 प्रतिशत बढ़कर 3,677 हो गई.
पटना: देश के कई राज्यों में मानसून की बारिश दस्तक दे चुकी है. बारिश के बाद देश का पूर्वोत्तर राज्य असम हर साल की तरह इस साल भी कई दिनों से बाढ़ से प्रभावित है. मगर असम अकेला नहीं है. देश के कई राज्यों में मानसून की बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाते है.
बाढ़ के कारण देश मे पिछले 10 सालों में आधिकारिक रूप से 6,770 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं साल दर साल बाढ़ के कारण होने वाली मौतें बढ़ती ही जारी रही है.
हर साल बढ़ रहा बाढ़ से मौतों का आंकड़ा
जानकारी के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में बाढ़ से 6,770 लोगों की जान जा चुकी है. अगर प्रतिवर्ष बाढ़ से होने वाली मृत्यु के आंकड़ों को देखेंगे तो पता चलेगा स्थिति अच्छी नहीं है. 2011 से 2015 के बीच कुल 3092 जानें गई थी. वहीं, 2015 से 2020 के बीच मौतों का संख्या 18 प्रतिशत बढ़कर 3,677 हो गई.
देश की 42 % बाढ़ से होने वाली मौतें केवल बिहार से
मानसून से होने वाली बारिश से देश के कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं. लेकिन इस मामले में बिहार की स्थिति बहुत खराब है. आंकड़ों के मुताबिक, देश में बाढ़ से मर रहे लोगों की कुल संख्या में लगभग आधे लोग बिहार के हैं. पिछले 10 सालों में देश में बाढ़ के कारण जाने वाली कुल मौतों में से 42 प्रतिशत अकेले बिहार में हुई.
नहीं सुधर रहे हालात
यहीं नहीं हालात सुधरने की बजाए बदतर होते जा रहे हैं, लेकिन हम सबक नहीं सीख पाए हैं. साल 2011-15 के बीच देश में बाढ़ से हताहतों में बिहार का हिस्सा 16 प्रतिशत था. मगर अगले पांच सालों (2016-20) में देश की 64 फीसदी बाढ़ से मौतें बिहार में हुई.
बाढ़ से इन 5 राज्यों में हालात सबसे बुरे
पिछले एक दशक के आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि बाढ़ के कारण जाने वाली मौंतों में 75 फीसदी देश के पांच राज्यों में होती है. पिछले दशक (2011-2020) के बीच बिहार में सबसे ज्यादा 42 % (2844) लोगों ने जान गंवाई है. वहीं, महाराष्ट्र में 883 (13 %),असम में 651 (9.6%), उत्तर प्रदेश में 504 (7.4%) और मध्य प्रदेश में 365 (5.4 %) लोगों की जानें गई हैं.
Report- Abhishek sankhyayan