भोजपुर : बिहार के भोजपुर जिले में बाढ़ का कहर कई इलाकों में गहराता दिखाई दे रहा है. गंगा खतरें के निशान से ऊपर बह रही है. कई गावों की मुख्य सड़कों पर बाढ़ का पानी जमा हो गया है. बाढ़ग्रस्त इलाकों में ग्रामीणों का मुख्यालय से संपर्क भी लगभग टूट गया है. बढ़ते जलस्तर से गांव में कटाव भी देखा जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से किसी तरह की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा रही है.


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30 सेंटीमीटर ऊपर बह रही गंगा
जानकारी के अनुसार भोजपुर जिले में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. जिसकी वजह से गंगा के तटवर्तीय इलाकों में अब बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.गंगा खतरे के निशान से करीब 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. हालात ऐसे हैं कि बड़हरा और शाहपुर प्रखंड के कई गांवों की मुख्य सड़कों पर बाढ़ का पानी लबालब भरा हुआ है. जिसकी वजह से आवागमन तो बाधित है, वहीं अब उन गांव के लोगों का संपर्क भी मुख्यालय से पूरी तरह से टुट चुका है. जबकि गंगा के बढ़ते जलस्तर से अब कटाव की भी समस्या उत्पन्न हो गई है.जिससे उपजाऊ जमीने गंगा में हर रोज विलिन हो रही है.


जरुरी सामान के लिए जान जोखिम में डाल रहे ग्रामीण


बाढ़ के बिगड़ते हालातों का जायजा लेने बड़हरा प्रखंड के नेकनाम टोला गांव पहुंचे तो स्थानीय ग्रामीण ने अपनी समस्याओं की झड़ी लगा दी. नजारा कुछ ऐसा था कि बाढ़ के पानी में महिलाएं,बच्चे और बुढ़े पानी में अपनी जान खोखिम में डाल जरूरत का सामान ले जाते नजर आएं. 


फसल और साग सब्जियों भी तहस नहस 
जबकि स्थानीय युवाओं का कहना है कि इस दंश को हम लोग हर साल झेलते है. अधिकारी सिर्फ आश्वासन देकर अपना कोरम पूरा कर लेते हैं. गंगा के विकराल रुप ने खेत में लगी फसलों और साग सब्जियों को भी तहस नहस कर दिया है. जिससे अब लोगों के लिए खाने पीने की समस्या भी उत्पन्न हो गई है. 


बांध पर भी मंडरा रहा खतरा
बढ़ते जलस्तर की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि इस समय गंगा में पानी हर घंटे काफी तेजी से बढ़ रहा है. जिसके कारण गंगा पर बने बांध पर भी खतरा मंडराने लगा है. लेकिन इसको ठीक करने के लिए फिलहाल कोई उपाय नहीं किया जा रहा है जो चिंता का विषय है.


सड़क टूटने से आवागमन हुआ मुश्किल
बहरहाल गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से अब बड़हरा और शाहपुर प्रखंड के लोगों में भय का माहौल देखा जा रहा है, वहीं उनके बीच खाने पीने की समस्याओं का समाधान भी एक बड़ी चुनौती बन गया है. जबकि कई इलाकों में बाढ़ के कारण मिट्टी की बनी सड़के भी टूट गई हैं और आवागमन भी काफी खतरनाक हो गया है.


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