पटनाः Ganesh Visarjan: अभी कुछ दिन पहले ही बप्पा घर-घर विराजे थे और अब धीरे-धीरे उनकी विदाई की तिथि नजदीक आ रही है. सनातन परंपरा में हालांकि बप्पा यानी गणेश जी को कभी भी घर से विदा नहीं किया जाता है, लेकिन गणेश चतुर्थी के मौके पर प्रतीक रूप में गणेश जी का विसर्जन किया जाता है. गणेश जी का विसर्जन स्थापना के 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है. भगवान गणेश के जन्मोत्सव को पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है. सनातन धर्म में गणपति को प्रथम पूजनीय माना जाता है और उनकी पूजा सभी देवताओं से पहले की जाती है. गणेशोत्सव का समापन गणपति विसर्जन से होता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गणेश विसर्जन मुहूर्त और तिथि
लोग पूरे 10 दिनों तक गणपति का पूजन भक्ति भाव से करते हैं और उन्हें ग्यारहवें दिन यानी अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जित कर देते हैं. ऐसा माना जाता है कि यदि गणपति जी का विसर्जन सही विधि से किया जाता है तो घर में पूरे साल समृद्धि बनी रहती है. चतुर्दशी तिथि 8 सितंबर को सुबह 09.02 से शुरू होगी और 9 सितंबर 2022 को शाम 06:07 बजे तक रहेगी. विसर्जन के लिए शुभ समय 9 सितंबर को को सुबह 06.25 बजे से शाम 06:07 तक रहेगा. 9 सितंबर को सुबह 10:30 से 12 बजे तक राहुकाल रहेगा. इस बीच विसर्जन व पूजन न करें.


इस तरह करें विसर्जन
विसर्जन की सभी तैयारियों के बाद, सबसे गणपति महाराज को एक आसन दें.
आसन पर स्वस्तिक बनाएं और उसपर गंगाजल डालें. 
इस आसन में पीला कपड़ा बिछाकर गणपति जी की प्रतिमा रखें. 
आसन पर अक्षत डालें और गणेश जी की प्रतिमा पर फूल, फल और मोदक चढ़ाएं. 
गणपति विसर्जन से पहले उनकी प्रतिमा की विधि पूर्वक पूजा करें और अगले साल आने की प्रार्थना करें. 
गणपति को नए वस्त्रों से सुसज्जित करें और उनके मस्तक पर कुमकुम का तिलक लगाएं. 
घर के सभी सदस्य एक साथ मिलकर गणपति बप्पा की आरती करें.
गणपति प्रतिमा को सम्मानपूर्वक विसर्जन के लिए ले जाएं और जल में प्रवाहित करें. 
बप्पा से क्षमा मांगते हुए पूरे साल घर में कृपा बनाए रखने की प्रार्थना करें.


यह भी पढ़े- Pitru Paksha 2022: क्या है प्रेतशिला जिसके बीच से पिंडदान ग्रहण करने आते हैं पूर्वज