पटनाः Ganesha Chaturthi 2022: बस कुछ ही दिन और, घर-घर में गणपति बप्पा का आगमन होने वाला है. पारंपरिक रूप से भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि को श्रद्धालु अपने-अपने घरों में गणपति प्रतिमा को स्थापित करके उनकी प्राण-प्रतिष्ठा सहित पूजा करते हैं. गणपति पूजन का आयोजन 10 दिन तक किया जाता है. इसके बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा को बड़ी धूम-धाम से विदाई देकर उनका विसर्जन किया जाता है. इस बार गणेश चतुर्थी 31 अगस्त 2022 को है. 


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ये पूजा सामग्री है जरूरी
गणपति बप्‍पा की स्‍थापना से पहले पूजा की सारी सामग्री एकत्रित कर लें. पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा, गणेश प्रतिमा, जल कलश, पंचामृत, लाल कपड़ा, रोली, अक्षत, कलावा, जनेऊ, गंगाजल, इलाइची-लौंग, सुपारी, चांदी का वर्क, नारियल, सुपारी, पंचमेवा, घी-कपूर की व्‍यवस्‍था कर लें. लेक‍िन ध्‍यान रखें क‍ि श्रीगेश को तुलसी दल व तुलसी पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए. इसके स्‍थान पर गणपत‍ि बप्‍पा को शुद्ध स्‍थान से चुनी हुई दूर्वा जि‍से कि अच्‍छे तरीके से धो ल‍िया हो, अर्पित करें.


प्रसाद के लिए ऐसी करें व्यवस्था
गणेश जी को पूजन में भूलकर भी तुलसी पत्ते नहीं चढ़ाना चाहिए. पौराणिक कथा के अनुसार तुलसी जी ने भगवान गणेश से विवाह से मना कर दिया था, इससे नाराज हो कर गणपति बप्पा ने उन्हें श्राप दे दिया था. बाद में गणेश जी के 2 विवाह हुए थे, जिन्हें रिद्धि और सिद्धि के नाम से जाना जाता है. गणेश जी के प्रसाद के लिए बेसन के लड्डू, लाजा (खील), जौ का सत्तू, सफेद तिल, चुरा (पोहा), गन्ना, केला, नारियल रखा जाना चाहिए. ये सभी एकदंत को प्रिय हैं. 


इन बातों का रखें ध्यान
केतकी के और सफेद फूल- गणेशजी को कभी भी सूखे फूल अर्पित नहीं करना हैं. सूखे फूल अर्पित करना अशुभ होता है. सफेद जनेऊ और सफेद वस्त्र- गणेश जी को सफेद जनेऊ भी अर्पित नहीं करते हैं. जनेऊ को हल्दी में पीला करके ही उन्हें अर्पित करें. इसी प्रकार उन्हें सफेद वस्त्र भी नहीं पहनाए जाते हैं. सफेद चंदन- गणेजी को सफेद चंदन के बजाए पीला चंदर अर्पित करें या पीला चंदन लगाएं.


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