Gopashtami 2023 Date: गोपाष्टमी पर क्या है पूजा का शुभ समय, जानें कैसे मनाएं त्योहार
Bihar News : हिन्दू धर्म में गाय को पूजनीय पशु माना जाता है. इसका कारण है कि गाय को 36 कोटि देवी-देवताओं का वास माना जाता है. श्रीमद्भागवत गीता में गाय के महत्व का भी उल्लेख है. इस पर्व पर लोग गाय की पूजा करते हैं और उनके बछड़े को भी समर्पित करते हैं.
Gopashtami 2023 Date: गोपाष्टमी का पर्व हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. यह पर्व गाय की पूजा को समर्पित है और हर साल कार्तिक मास में मनाया जाता है.
इस पर्व का जाने क्या महत्व
गोपाष्टमी का पर्व हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है. इसका महत्व द्वापर युग से ही है, जब भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक मास के शुक्ल प्रतिपदा से शुक्ल सप्तमी तक गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठ ऊंगली पर धारण किया था. इसके बाद इंद्र देव ने उनसे माफी मांगी और गोपाष्टमी पर्व का आयोजन किया गया.
गोपाष्टमी पर गाय की पूजा का महत्व
हिन्दू धर्म में गाय को पूजनीय पशु माना जाता है. इसका कारण है कि गाय को 36 कोटि देवी-देवताओं का वास माना जाता है. श्रीमद्भागवत गीता में गाय के महत्व का भी उल्लेख है. इस पर्व पर लोग गाय की पूजा करते हैं और उनके बछड़े को भी समर्पित करते हैं.
गोपाष्टमी 2023 की तारीख और मुहूर्त
गोपाष्टमी 2023 का पर्व 20 नवंबर को मनाया जाएगा. इस दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है. यह पर्व सोमवार को शुरू होकर मंगलवार को समाप्त होगा.
गोपाष्टमी पूजा विधि
गोपाष्टमी पर गाय को पावन जल से स्नान कराना चाहिए. उन्हें फूल-माला वस्त्र पहनाना चाहिए और रोली-चंदन का तिलक लगाना चाहिए. फिर गोमाता को फल, मिष्ठान, आटा और गुड़ की भेली खिलाना चाहिए. धूप-दीप जलाकर आरती करना चाहिए. इस दिन गोमाता के साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की भी पूजा की जाती है. गोपाष्टमी पर्व गाय की महत्वपूर्ण पूजा का दिन है और इसके माध्यम से लोग गाय को समर्पिती और प्रेम से देखते हैं. यह दिन सुख, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है.
ये भी पढ़िए- बिहार सरकार के आरक्षण का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव का भाजपा करेगी समर्थन : सम्राट चौधरी