पटना: ज्योतिष शास्त्र का एक अपना अलग ही महत्व है. धार्मिक शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण को शुभ संकेत नहीं माना जाता है. दरअसल, यह वो समय होता है जब सूर्य के ऊपर राहु का अत्यधिक प्रभाव बढ़ जाता है और सूर्य राहू से ग्रस्त हो जाता है. सूर्य ग्रहण व चंद्र ग्रहण आदि की वैज्ञानिक मान्यता भी है. 


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20 अप्रैल को लगेगा हाइब्रिड सूर्य ग्रहण
बता दें कि 20 अप्रैल 2023 को साल का पहला सूर्य ग्रहण गुरुवार को लगेगा. इस सूर्य ग्रहण की अवधि सुबह 07 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा यह सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट तक हीं होगी, हालांकि ये सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा और न ही भारत में रहने वाले लोगों पर इसका कोई कुप्रभाव पड़ेगा. बिहार वासियों को बता दें कि इस साल वैशाक अमावस्या पर एक दिन में तीन सूर्य ग्रहण दिखेंगे.


मेष राशि के जातक हो जाएं सावधान
हाइब्रिड सूर्य ग्रहण मेष राशि के जातक पर काफी असर डाल सकता है. बता दें कि मेष राशि में सूर्य ग्रहण करीब 19 सालों बाद लगने जा रहा है. लगभग सभी राशियों के जातक के लिए यह सूर्य ग्रहण अशुभ हीं रहने वाला है. 


इन देशों में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
ज्योतिषमत्तानुसार सूर्य ग्रहण में १२ घंटे पहले सुत्तक व चंद्र ग्रहण में 9 घंटा पहले सुत्तक लग जाता है इस समय पूजा पाठ मंदिर का कपाट आदि बंद रहते हैं.  इस साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण जहां दिखाई देगा जैसे  सिंगापुर, थाईलैंड, ताइवान, मलेशिया, फिजी, जापान, कंबोडिया, चीन, अमेरिका,  इंडोनेशिया, सोलोमन, बरूनी, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण हिंद महासागर, दक्षिण प्रशांत महासागर न्यूजीलैंड, वियतनाम और फिलीपींस  जैसी जगहों पर दिखाई देगा यहां रहने वाले लोगों के लिए सुत्तक पात्तक मान्य होंगे विशेषकर गर्भवती महिलाएं ग्रहण काल के अवधि में भोजन सयन सहवास आदि से दूरी बनाएं श्रेयस्कर रहेगा. जानकारी के लिए बता दें कि आस्ट्रेलिया के शहर एक्समाऊथ में सूर्य ग्रहण का असर सबसे ज्यादा रहेगा.


इनपुट- वैदिक धर्म गुरु पंडित वेद मूर्ति


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